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हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश के चलते व्यास और रावी नदी उफान पर हैं. कई जगह बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे समेत 126 सड़कें आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं. नदी में उफान की वजह से कई घर पानी में डूब गए हैं. प्रशासन ने एनडीआरएफ को मदद के लिए बुला लिया है.
राज्य में साल 1995 के बाद बारिश का ऐसा भयानक मंजर पहली बार देखने को मिला है. तेज बहाव वाले बाढ़ के पानी में बस और ट्रक समेत कई गाड़ियों के बह जाने की तस्वीरें भी सामने आई हैं.
कुल्लू जिले के नागवेन में सोमवार को वायुसोना के हेलीकॉप्टर ने एयरलिफ्ट करके बाढ़ में फंसे दो लोगों को बचाया.
कुल्लू, चंबा और मंडी जिले में भारी बारिश के चलते खतरनाक हालात बने हुए हैं. कुल्लू जिला प्रशासन के मुताबिक फोजल, धुंधी और लगवैली में बादल फटने से व्यास नदी का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है.ओट के पास दवाड़ा में नेशनल हाईवे पर यातायात बाधित रहा. वहीं पानी खतरे के निशान के ऊपर होने पर मंडी के पंडोह, लारजी, कांगड़ा के सानन और चंबा के चमेरा डैम के गेट खोलने पड़े, जिससे निचले रिहायशी इलाकों में पानी भर गया. जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर नौ जिलों कुल्लू, मंडी, चंबा, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, लाहौल, बिलासपुर और किन्नौर के स्कूलों में सोमवार की छुट्टी का ऐलान किया है.
इस बीच बाढ़ के कहर की कई खौफनाक तस्वीरें सामने आयी हैं. मनाली से आए एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि उफनती नदी में एक बस किस तरह से बह जाती है. हालांकि गनीमत ये थी कि उस वक्त बस खाली थी, जिसकी वजह से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. वीडियो में दिख रहा है कि नदी किनारे कुछ गाड़ियां खड़ी हैं. वहां कुछ पर्यटक भी खड़े हैं. इसी बीच भूस्खलन की वजह से एक बस उफनती धारा के साथ बह जाती है.
इसके अलावा कुल्लू में पानी के तेज बहाव में एक ट्रक के बह जाने की तस्वीरें भी सामने आई है.
इस बीच भारी बर्फबारी के चलते हिमाचल प्रदेश के मनाली को जम्मू-कश्मीर के लेह से जोड़ने वाले हाइवे पर वाहनों की आवाजाही बंद है. मनाली-लेह हाइवे रोहतांग पास, बारालाचा पास, लाचुंग ला पास और तांगलांग ला पास से होकर गुजरता है. हिमाचल सड़क परिवहन कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी के मुताबिक केलांग से होकर मनाली और लेह के बीच चलने वाली बस सेवा को शुरू होने में एक हफ्ते का समय लगेगा. बर्फबारी और बारिश के चलते लोगों को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी गई है.
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