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हैदराबाद एनकाउंटर मामले पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बोबडे ने कहा कि हम चाहते हैं मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए. एनकाउंटर पर पुलिस ने जो दावा किया है उसकी जांच करना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए एक जांच आयोग बनाया जाए और अगले 6 महीने में जांच पूरी की जाए.
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर पहली बार सुनवाई की. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हैदराबाद एनकाउंटर के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले की जांच की बात कही थी. कोर्ट ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे.
एनकाउंटर मामले में पुलिस का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक जज नियुक्त करने की बात कही है. लेकिन वो सिर्फ जांच की निगरानी करने के लिए हैं, कोई भी जज जांच नहीं करवा सकता है.
सीजेआई ने एनकाउंटर मामले पर पुलिस की तरफ से दी गई दलील को लेकर कहा-
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच आयोग गठित करने का निर्देश जारी करते हुए कहा- न्यायिक जांच में तीन सदस्य शामिल होंगे. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वीएस सिरपुकर इस जांच आयोग की अगुवाई करेंगे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि फिलहाल अन्य कोई कोर्ट या अथॉरिटी इस मामले की जांच नहीं करेगी.
हैदराबाद में एक वेटरनरी डॉक्टर के साथ रेप और उसका मर्डर करने के चार आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. पुलिस का कहना था कि आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी. लेकिन एनकाउंटर के बाद कई लोगों ने इस पर सवाल खड़े किए.
सुप्रीम कोर्ट में इस एनकाउंटर मामले को लेकर दो याचिकाएं दायर की गई हैं. वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार ने पहली याचिका दायर की थी, जिसके बाद दूसरी याचिका एमएल शर्मा ने दायर की है. पहली याचिका में पुलिस कर्मियों पर एफआईआर और साल 2014 में एनकाउंटर को लेकर जारी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का जिक्र किया है. उनका कहना है कि हैदराबाद में हुए एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को दरकिनार किया गया. वहीं दूसरी याचिका में एनकाउंटर की एसआईटी जांच के अलावा सांसद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालिवाल के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की गई है.
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