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झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार रोजगार और व्यापार करने की स्थितियां मुख्य मुद्दे हैं. आईएएनएस और सी-वोटर झारखंड जनमत सर्वे में यह बात सामने आई है. इस सर्वे में वोटरों से पूछा गया कि इस समय उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? इस पर लगभग 25 फीसदी वोटरों ने कहा कि इस चुनाव में उनके लिए रोजगार और व्यवसाय करने से संबंधित मामले सबसे अहम हैं.
वहीं बिजली आपूर्ति की स्थिति पर लगभग 10 फीसदी लोगों ने जोर दिया.
इससे इतर कीमत बढ़ोतरी पर तीन फीसदी, सरकार के भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए दो फीसदी, स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं में दो फीसदी से कम और कानून एवं व्यवस्था, अर्थव्यवस्था की स्थिति व महिला सुरक्षा के मुद्दे पर एक फीसदी से भी कम लोगों ने जोर दिया.
स्थानीय विधायक को लगभग 16 फीसदी वोटरों ने राज्य के मुद्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया, जबकि केवल 6.5 फीसदी वोटरों ने माना कि केंद्र सरकार इनकी जिम्मेदार है. सर्वे में सामने आया कि लगभग 4.5 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री को मुद्दों के लिए जिम्मेदार माना.
वहीं, 10 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) इन मुद्दों को हल कर सकती है. सात फीसदी वोटरों का मानना है कि कांग्रेस मुद्दों को हल कर सकती है, जबकि 3.2 फीसदी ने माना किया कि जेवीएम समस्याओं को हल कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि 16.7 फीसदी मतदाताओं ने माना कि कोई भी पार्टी इन समस्याओं या मुद्दों को हल नहीं कर सकती है. यह सर्वे नवंबर महीने के दौरान 8,923 वोटरों से बातचीत पर आधारित है.
बता दें कि झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक कुल पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होगा, जिसके नतीजे 23 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.
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