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वीडियो एडिटर: शोहिनी बोस
वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
CAA प्रोटेस्ट को लेकर कानपुर, यतीमखाना और बाबूपूर्वा में हुए हिंसा के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 21,000 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज किया है. इनमें ज्यादातर अज्ञात हैं.
मगर अब कानपुर के 6 वकीलों ने ‘बेगुनाह’ प्रदर्शनकारियों को बचाने के लिए एक पैनल बनाया है, जिसमें वे इनका केस मुफ्त में लड़ेंगे.
पैनल की अगुवाई अधिवक्ता राजेश चतुर्वेदी करेंगे, और अन्य सदस्यों में निखिल पांडे, वीरेंद्र मणि त्रिपाठी, अनुज कुमार गुप्ता, रितिन सोनकर, राजेश कुमार साहू और गौरव द्विवेदी शामिल हैं. पैनल ने सहमति से उन लोगों से कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है जिन्हें वे मानते हैं कि उनपर पुलिस ने गलत तरीके से मुकदमा दर्ज किया है.
विरोध प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा के कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें पुलिसकर्मियों को सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट करते हुए, और नागरिकों को बेरहमी से पीटते हुए देखा गया था.
एडीजी कानपुर जोन प्रेम प्रकाश ने भी ये माना है कि पुलिस की ओर से ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान पहुंचाया हैं, ऐसे पुलिसकर्मियों को खोजने के लिए मजिस्ट्रियल जांच पहले ही बैठाई जा चुकी है.
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