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उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस हिरासत में एक शख्स की तबीयत बिगड़ने और इसके बाद उसकी मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद से पुलिस महकमे पर सवाल खड़े हो गए हैं. शख्स के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की मारपीट से उसकी मौत हुई है. घरवालों के हंगामे के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
मामला कानपुर देहात के कोतवाली शिवली का है. बीते दिनों एक व्यापारी के साथ हुई लूट की घटना के मामले में पुलिस ने शक में लालपुर सरैया निवासी बलवंत सिंह को हिरासत में लिया था. पुलिस पूछताछ के लिए शख्स को रनिया थाने लेकर गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान बलवंत के सीने में दर्द हुआ, तो पुलिस देर रात उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. वहीं, सूचना मिलते ही जिला अस्पताल पहुंचे शख्स के बड़े भाई सचिन ने पुलिस पर बलवंत को पीट-पीटकर मार देने का आरोप लगाया है.
मृतक के बड़े भाई सचिन ने कहा कि बलवंत किसी काम के लिए निकला था, जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. भाई ने कहा, "हम जब रनिया थाने पहुंचे, तो उसे पुलिस पीट रही थी. हमने पूछा कि वो उसे क्यों पीट रहे हैं. हमारे चाचा, जिनके साथ ये घटना हुई थी, वो भी हमारे साथ थे. उन्होंने बताया कि जिस समय घटना हुई थी, उस समय वो हमारे साथ ही था."
भाई ने आगे बताया कि पुलिस ने उनसे कहा कि उन्हें इंक्वायरी करने दिया जाए. उन्होंने कहा,
पुलिस अधीक्षक सुनीति के मुताबिक, "6 दिसंबर को हुई लूट की घटना के खुलासे को लेकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी. इसी क्रम में बलवंत सिंह को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था और वो खुद ही थाने आया था. इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई. उसे तत्काल अस्पताल ले जया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है. परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं, उसको संज्ञान में लेते हुए खुलासे के लिए लगी एसओजी टीम, मैथा चौकी प्रथारी और थाना प्रभारी को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है. पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है."
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