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वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता
कैमरा पर्सन: मुकुल भंडारी
कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार 5 दिसंबर को उप-चुनाव होने हैं. राज्य में बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार के लिए ये उप-चुनाव बेहद अहम हैं क्योंकि उन्हें विधानसभा में बहुमत बरकरार रखने के लिए कम से कम 6 सीटों पर जीत की जरूरत है.
कर्नाटक में ये उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि जुलाई में कांग्रेस और जेडीएस 16 विधायकों समेत 17 विधायकों ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसके बाद राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई थी.
विधानसभा स्पीकर ने इन 17 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी, जिसके बाद उप-चुनाव की स्थिति बनी. इस दौरान बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.
ऐसे में ये माना जा रहा था कि बाढ़ के हालात से निपटने में बीजेपी सरकार की नाकामी उप-चुनाव में इन सीटों पर पार्टी को भारी पड़ेगी, लेकिन कुछ हफ्तों पहले ही जब सुप्रीम कोर्ट ने इन बागी विधायकों को उप-चुनाव लड़ने की इजाजत दी तो हालात कुछ बदल गए. बीजेपी ने इनमें से कई बागियों को मैदान में उतारा है.
इन सीटों से जो ताजा ट्रेंड सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक बाढ़ के दौरान विधायकों और सरकार की नाकामी के मुद्दे के बजाए उम्मीदवारों का नाम और उनकी पहचान पर ये चुनाव लड़ा जा रहा है.
बेलगावी जिले की गोकक सीट पर बाढ़ से भारी नुकसान हुआ था. कांग्रेस इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द चुनाव लड़ने की योजना बना रही थी, लेकिन स्थानीय जनता के बीच लोकप्रिय नेता रमेश जारकीहोली को जैसे ही BJP ने टिकट दिया, कांग्रेस ने अपनी योजना बदल दी. अब पार्टी को लगता है कि बाढ़ का मुद्दा काफी नहीं है.
एक और बात जो इस दौरान अहम रही. पूरे प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल नहीं हुए. BJP ये कहकर इसे तवज्जो नहीं दे रही कि पीएम मोदी उप-चुनाव में प्रचार नहीं करते. हालांकि, सूत्रो के मुताबिक पार्टी का मानना है कि ये चुनाव बागी विधायकों की छवि पर लड़ा जा रहा है और पीएम मोदी उनकी छवि से खुद को नहीं जोड़ना चाहते.
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के मुखिया एचडी देवेगौडा ने जनता से अपील की है कि वो 15 सीटों पर बागी विधायकों को सबक सिखाएं और उन्हें हराएं. हालांकि BJP इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वो कम से कम 6-7 सीट इसमें जीत जाएंगे.
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