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कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 28 जुलाई को कांग्रेस-जेडीएस के 14 बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है. इससे पहले वह हाल ही में 3 और विधायकों को अयोग्य ठहरा चुके हैं. इस तरह मौजूदा कर्नाटक विधानसभा के कुल 17 सदस्य अयोग्य घोषित हो चुके हैं.
23 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में बहुमत से पिछड़ने के बाद 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी. इस फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस-जेडीएस (99) के मुकाबले 105 वोट पाने वाली बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
येदियुरप्पा 29 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. ऐसे में फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले 14 और विधायकों ( अब तक कुल 17) के अयोग्य घोषित होने से येदियुरप्पा के लिए बहुमत का रास्ता साफ हो गया है.
इस तरह फिलहाल तो येदियुरप्पा बहुमत साबित करने की चुनौती को आसानी से पार कर सकते हैं. मगर मौजूदा विधानसभा की जो साटें खाली हुई हैं, उन पर उपचुनाव भी होंगे. उन उपचुनावों के नतीजों के वक्त भी बहुमत साबित करने की चुनौती येदियुरप्पा के सामने खड़ी होगी.
इससे पहले स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस के 2 और एक निर्दलीय विधायक को अयोग्य घोषित किया था. बता दें कि स्पीकर ने सभी 17 विधायकों को 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित किया है.
कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक 23 जुलाई के फ्लोर टेस्ट से गैरमौजूद रहे थे. इन दोनों पार्टियों ने विधानसभा स्पीकर से अपने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी.
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