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केरल कैबिनेट में जगह नहीं पर शैलजा-सही फैसला,सबको मिलना चाहिए मौका

महामारी में अपनी अच्छी नीतियों की वजह से सुर्खियों में रहने वाली केके शैलजा अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री नहीं होंगी.

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केरल कैबिनेट में जगह नहीं पर शैलजा-सही फैसला,सबको मिलना चाहिए मौका
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केरल कैबिनेट में जगह नहीं पर शैलजा-सही फैसला,सबको मिलना चाहिए मौका
(फोटो: Altered by Quint)

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कोरोना वायरस जैसे महामारी में अपनी अच्छी नीतियों और प्रबंधन की वजह से सुर्खियों में रहने वाली केके शैलजा अब केरल की स्वास्थ्य मंत्री नहीं होंगी. भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे केके शैलजा की जगह अब कोई नया विधायक इस विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसे में केके शैलजा का कहना है कि ये पार्टी की नीति से जुड़ा फैसला और अच्छा है.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में केके शैलजा ने कहा-

ये बहुत अच्छा है कि कैबिनेट में नए लोगों को मौका मिला है. हर एक को मौका मिलना चाहिए. हमारी पार्टी में कई प्रतिष्ठित लोग हैं, जिन्हें मौका मिलना ही चाहिए. पार्टी ने पिछले कार्यकाल में मुझे मंत्री बनाने का तय किया था और मैं अपने कार्यकाल से संतुष्ट हूं. मैंने बतौर मंत्री बहुत मेहनत की और ये बहुत अच्छा अनुभव था.

केरल में सभी विभागों की जिम्मेदार नए लोगों को

केरल की सत्ताधारी पार्टी CPI(M) स्टेट कमेटी ने घोषणा की है कि कैबिनेट में सभी नए चेहरे होंगे, और केके शैलजा को पार्टी व्हिप की जिम्मेदारी दी गई है. 21 सदस्यों वाली केरल की नई कैबिनेट 20 मई को शपथ लेगी.

“सभी मौजूदा मंत्रियों को हटा दिया गया है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल हैं. पार्टी ने एमबीर राजेश को बतौर स्पीकर उम्मीदवार और केके शैलजा को पार्टी व्हिप के तौर पर चुना है. टीपी रामकृष्णन को संसदीय दल के सचिव के रूप में भी नियुक्त किया गया है.”
CPI(M) स्टेट कमेटी

केरल में ‘टीचर’ के रूप में जानी जाने वालीं केके शैलजा ने मत्तनूर विधानसभा सीट पर 61,035 वोटों के बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की. उनकी जीत का अंतर नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से भी बड़ा है. इसके बावजूद नई कैबिनेट में उनका नाम नहीं होने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए हैं.

निपाह, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग

पिछले पांच सालों में केरल में स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए काम को लेकर केके शैलजा की दुनियाभर में तारीफ हुई है. भारत में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान, केरल में संक्रमण रोकने को लेकर उनकी खूब तारीफ हुई थी. कोविड की दूसरी लहर में, जब एक्टिव केसों का आंकड़ा 3 लाख पार कर गया है, तब भी वो इस लड़ाई की अगुवाई कर रही हैं.

जून 2020 में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वर्ल्ड पब्लिक सर्विस डे 2020 पर पैनल डिस्कशन में शामिल होने के लिए केके शैलजा को आमंत्रित किया था. वहीं, कई मैगजीन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को सराहा था.

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