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कोरोना महामारी के बीच मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरू हो चुका है. लॉकडाउन की वजह से मस्जिदों में नमाज पढ़ने की लोगों को इजाजत नहीं हैं, लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और फर्रुखाबाद जिले में नमाज के साथ-साथ अजान पर पाबंदी की खबर सामने आई है.
फर्रुखाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट अशोक मौर्या के नाम से कई मस्जिदों के बाहर अजान नहीं देने को लेकर नोटिस भी चिपका हुआ है. नोटिस पर लिखा था,
जब द क्विंट ने सिटी मैजिस्ट्रेट अशोक मौर्या से उनके आदेश के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने साफ कहा, "मस्जिद से सिर्फ समय का ऐलान किया जाएगा, नमाज और अजान नहीं होगी."
जब क्विंट उनसे पूछा कि किस नियम और किसके कहने पर ये फैसला हुआ है तो उन्होंने साफ कहा कि डीएम मानेंद्र सिंह से पूछिए. फिर उन्होंने फोन कट कर दिया.
द क्विंट ने फर्रूखाबाद के डीएम मानेंद्र सिंह को फोन पर अजान की पाबंदी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा. ये मामला 'Resolve' हो गया है. इसके आगे हमें कुछ नहीं कहना है.
अजान पर पाबंदी की बाद गाजीपुर में भी सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय मानावाधिकार एसोसिएशन के गाजीपुर जिलाध्यक्ष इमतियाज खान बताते हैं कि 19 मार्च को सिकंदरपुर गांव की मस्जिद में पुलिस आई और अजान देने पर मना करने लगी. उसके बाद इमाम साहब और दो लोगों को पुलिस थाने लेकर चली गई. लॉकडाउन के उल्लंघन पर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. जबकि मस्जिद में इमाम और दो लोगों के नमाज पर मनाही नहीं है.
जब हम लोगों को अजान देने से रोका गया तो हमने एक आवेदन जिला अधिकारी के यहां दिया है इसपर अबतक कोई जवाब नहीं मिला है.
अजान पर पाबंदी को लेकर द क्विंट ने गाजीपूर के डीएम ओम प्रकाश से बात करने की कोशिश की. लेकिन डीएम के स्टाफ ने कहा, "अभी शासन की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है इसलिए रोक है. सरकार की तरफ से अजान होने की अभी इजाजत नहीं है. लॉकडाउन में शुरू से ही अजान और नमाज सब बंद है." हालांकि, कई बार फोन के जरिए संपर्क करने के बाद भी डीएम ओम प्रकाश से बात नहीं हो सकी.
गाजीपुर जिले के सूचना अधिकार का कहना है कि जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से ही अजान बंद है. अजान और नमाज दोनों बंद है.
जमीयत उलमा हिंद के सचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने अजान की पाबंदी पर कहा कि देश के कई इलाकों इस तरह की खबर आ रही है, लेकिन सरकार की तरफ से कहीं भी इस पर पाबंदी नहीं है. "ये सारे ऑर्डर मौखिक हैं, कहीं कोई लिखित ऑर्डर नहीं हैं. लेकिन हमारी बात सरकार के बड़े लोगों से हो रही है, जहां भी इस तरह से रोक की बात है उसे एक से दो दिन में सुलझा लिया जाएगा."
बता दें कि लखनऊ से लेकर गोरखपुर, मुरादाबाद, मेरठ, कहीं भी अजान पर रोक की खबर नहीं है. ऐसे में गाजीपुर और फर्रुखाबाद में इस तरह के आदेश किसके कहने पर निकले हैं इसे जानने के लिए क्विंट ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा से बात करने की कोशिश की. लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आते ही खबर को अपडेट किया जाएगा.
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