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कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आंशिक बंद के विकल्प को चुना है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक केवल बेहद जरूरी मामलों की ही सुनवाई की जाएगी और केवल इन मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को ही अदालत परिसर में आने की अनुमति मिलेगी. अदालत ने राज्य सरकार को प्रयागराज में कोरोनावायरस की जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए भी कहा.
कोर्ट ने कहा कि वादकारियों और आगंतुकों को कोई गेट पास नहीं जारी किया जाएगा. इसके अलावा वकीलों से कहा गया है कि वे अपने मुवक्किलों को अदालत परिसर में न आने की सलाह दें, जब तक कि उनकी उपस्थिति अदालत द्वारा निर्देशित या अपरिहार्य नहीं होती. इस दौरान सभी मध्यस्थता कार्यवाही निलंबित रहेगी और कार्यवाही की तारीख को पुनर्निर्धारित किया जाएगा.
इन सबके अलावा, वकीलों की कैंटीन और बार एसोसिएशन मीटिंग हॉल भी अगले आदेश के जारी होने तक बंद रहेंगे, लेकिन उनकी साफ-सफाई को दैनिक आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा. कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि डॉक्टर्स को पर्याप्त सुविधाओं के साथ अदालत परिसर के हर प्रवेश पर तैनात किया जाएगा और अगर किसी में कोविड-19 से संबंधित कोई लक्षण पाया गया, तो उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलेगी.
कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए बनारस की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. वाराणसी के जिला प्रशासन ने आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. साथ ही साथ आयोजकों से गंगा आरती को साधारण तरीके सम्पन्न कराने को भी कहा गया है.
बनारस के गंगा घाट पर रोजाना गंगा आरती होती है. इसमे देश दुनिया के हजारो श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. लगभग एक घंटे तक चलने वाली गंगा आरती के दौरान लोग घाट की सीढ़ियों पर बैठकर इसकी भव्यता का दीदार करते हैं .
नई दिल्ली से गया जा रही महाबोधी एक्सप्रेस में एक यात्री को तेज बुखार आने से कोच में हड़कंप मच गया. दशहत का माहौल कुछ इस कदर था कि बाकी के यात्रियों ने उसे तीन घंटे के लिए ट्रेन के टॉयलेट में बंद कर दिया. इसकी सूचना रेल प्रशासन को दी गई. ट्रेन जब कानपुर पहुंची तो डॉक्टरों की टीम आई और उसकी जांच की. हालांकि डॉक्टरों को यात्री में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए.
हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक सऊदी अरब से लौटे मोहम्मद एजाज अंसारी गया जाने के लिए दिल्ली से महाबोधी ट्रेन (12398) में सवार हुए थे. वे ए-2 कोच की सीट नंबर 6 पर बैठे थे. इसी दौरान बाकी के यात्रियों से उनकी बातचीत शुरू हो गई. उन्होंने बताया कि वे आज ही सऊदी अरब से लौटे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बता दिया कि उन्हें बुखार है. इतना सुनते ही कोच में हंगामा खड़ा हो गया. आसपास की सीट पर बैठे यात्री हट गए. कुछ यात्री दूसरी कोचों में चले गए.
इसके बाद कोच कंडक्टर ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी रेलवे कंट्रोल रूम को दी. ट्रेन शाम 5.45 बजे कानपुर सेंट्रल पहुंची तो पहले से मौजूद सीएमओ की टीम ने उन्हें उतार लिया. प्लेटफॉर्म पर ही थर्मल स्कैनर से जांच हुई. जांच में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए. फिर भी यात्रियों ने उन्हें ट्रेन के कोच में नहीं बैठने दिया. अब स्टेशन प्रबंधन उन्हें दूसरी ट्रेन से गया भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं.
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कोरोनावायरस से पीड़ित दो मरीजों का इलाज कर रही टीम में शामिल एक जूनियर रेजीडेंट डाक्टर भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. जांच में संक्रमण की पुष्टि के बाद रेजीडेंट डाक्टर को इलाज के लिए आइसोलेटेड वार्ड में रखा गया है.
इस बीच, केजीएमयू ने एमबीबीएस, बीडीएस और बीएसएसी नर्सिंग और पैरामेडिकल की क्लासेज दो अप्रैल तक के लिये स्थगित कर दी है. इस दौरान होने वाली परीक्षायें भी टाल दी गई हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के तीन साल पूरे होने पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन तीन सालों में प्रदेश के सामने जो चुनौतियां आईं, उन्होंने ही हमें जूझने की प्रेरणा दी. मीडिया से बातचीत में योगी ने कहा. “तीन साल के दौरान हमने तमाम चुनौतियों को अवसर में बदला है. हमने निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया. अब सभी 75 जिलों में बिजली की आपूर्ती होगी, 1.67 लाख गांवों में बिजली पहुंच चुकी है. लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शो पर से लोगों का विश्वास समाप्त हो रहा था. हमने उसे बहाल करते हुए उसे सुशासन की तरफ ले जाने में सफलता पाई है.”
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीते तीन सालों में प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है. उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर 2,60,043 किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है और 342 पुलों का निर्माण किया गया है. केशव ने अपने बयान में बताया कि पिछले तीन सालों में राज्य में जहां 9,951 किमी की नई सड़के बनाई गई है, वहीं 11,627 किमी की सड़कों का चौड़ीकरण किया गया है और 2,60,043 किमी की सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है और 342 पुलों का निर्माण किया गया है.
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