advertisement
नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में अलग-अलग शहरों में कई दिनों तक हुए प्रदर्शनों के दौरान उपद्रव करने वालों के खिलाफ यूपी पुलिस अब 'एक्शन मोड' में आ गई है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार, 27 दिसंबर को हिंसा होने की आशंका को लेकर शासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है.
पुलिस की नजर जुमे की नमाज में एकत्र होने वाली भीड़ पर है. इसको लेकर कई जिलों में अलर्ट जारी हो गया है. आगरा समेत करीब आधा दर्जन जिलों में 26 दिसंबर को शाम सात बजे से 27 दिसंबर तक मोबाइल इंटरनेट को बंद रखा जाएगा.
उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि हिन्दुस्तानी मुसलमानों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी NRC से खतरा नहीं है, और NRC हिन्दुस्तान में लागू होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ये घुसपैठिये कांग्रेस, ममता, सपा के लिए वोट बैंक हैं. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हर प्रदेश में घुसपैठियों के वोटर आईडी कार्ड बना रही है.
रिजवी ने कहा कि जब NRC लागू होगा तो घुसपैठियों की शक्ल सामने आएगी. पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के जो अल्पसंख्यक हिन्दू भारत आये हैं, वो असल में धर्म के आधार पर जुल्म झेल कर अपना धर्म और अपनी जान बचा कर आये हैं. उनको नागरिकता संशोधन कानून का लाभ मिलना चाहिए और इन देशों के जो मुसलमान भारत आये हैं वह अपने निजी फायदे के लिए आये हैं या भारत को नुकसान पहुंचाने की नीयत से आए हैं.
CAA के खिलाफ आंदोलन के दौरान फिरोजाबाद में हुए उपद्रव के आरोपियों को पकड़ने के लिए एक पुलिस अधिकारी ने केला बेचने वाले का भेष धर कर जरूरी जानकारी जुटायी. फिरोजाबाद पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ उपद्रवी आगरा के मंटोला इलाके में छिपे हुए हैं. इसके बाद पुलिस ने दरोगा संजीव तोमर को केले बेचने वाला बनाकर भेजा.
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार संजीव तोमर सादे कपड़ों में ठेला लेकर केले बेचने के लिए वहां पहुंच गए. दरोगा ने सस्ते में केले बेचे और आरोपियों के बारे में जानकारी जुटा ली. मंटोला के थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार के अनुसार मिशन कामयाब रहा. पुलिस के अनुसार उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
नागरिकता कानून को लेकर पिछले शुक्रवार बिजनौर में हुए हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने एक विवादित बयान दिया है.
दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल अग्रवाल से पूछा गया की वे हिंसा में मारे गए दो मुस्लिम बच्चो के परिजनों से मिलने क्यों नहीं गए? जिसपर मंत्री जी ने कहा कि दंगा करने वालों के घर क्यों जाना चाहिए? जो दंगा कर रहे है वो कैसे इस समाज का हिस्सा है? ये हिन्दू -मुस्लिम की बात नहीं है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)