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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले हर डॉक्टर को दो साल गांव में काम करना अनिवार्य होगा. इसके लिए बॉन्ड भी भरवाया जा रहा है. आयुष्मान भारत दिवस की पहली वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि एमडी और एमएस करने वाले डॉक्टर भी एक साल के लिए अनिवार्य रूप से गांव में काम करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 46.86 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गए. सीएम आरोग्य योजना के तहत 189 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड पहुंचाया गया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद से जुड़े मामले में एसआईटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी. वहीं, फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रयागराज गई आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने नामंजूर कर दी. अदालत ने धारा 164 के तहत दोबारा कलमबंद बयान दर्ज करवाने की छात्रा की मांग को भी ठुकरा दिया. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 अक्टूबर की तारीख तय की है.
अदालत ने कहा कि यह पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता.
समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि रामपुर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यहां के जिला अधिकारी और एसपी का ट्रांसफर किया जाए. एसपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता अहमद हसन और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी थे.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है, जो बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर ठगता था. गिरोह ने ठगी का अड्डा नोएडा में बनाया हुआ था. यह गिरोह 'कॉल-सेंटर' की आड़ लेकर ठगी का यह काला-कारोबार चला रहा था. पुलिस ने मास्टर-माइंड सहित पूरे गिरोह का ही भंडाफोड़ कर दिया है.
गिरोह का सरगना कुणाल सिंह है. कुणाल के खिलाफ पुणे में भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं. कुछ साल पहले जेल से छूटकर आने के बाद उसने फिर ठगी का धंधा शुरू कर दिया था.
साइबर प्रिवेंशन, अवेयरनेस एंड डिटेंशन सेंटर के मुताबिक इस गिरोह ने अभी तक 1000 से ज्यादा लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा है और 2 करोड़ रुपये की ठगी की है.
सरकार ने सोमवार को पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और मिर्जापुर के एसपी समेत छह आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया. सरकारी आदेश के मुताबिक पीलीभीत के एसपी मनोज कुमार सोनकर और मिर्जापुर के एसपी अवधेश कुमार पांडेय को हटाकर डीजीपी मुख्यालय लखनऊ में भेजा गया है, जबकि सिद्धार्थनगर के एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह को मिर्जापुर के एसपी पद पर भेजा गया है.
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ के कमांडेंट अभिषेक दीक्षित को एसपी पीलीभीत और एसपी मानवाधिकार लखनऊ विजय ढुल को एसपी सिद्धार्थनगर के पद पर ट्रांसफर किया गया. डीजीपी मुख्यालय लखनऊ में एसपी लोक शिकायत के पद पर तैनात डी. प्रदीप कुमार को 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ का कमांडेंट बनाया गया है.
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