advertisement
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस (Congress) ने आगामी विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर नई रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है. वह बीजेपी (BJP) को उसी के अंदाज में जवाब देने की तैयारी में है, यह पार्टी कार्यालय में रविवार 02, अप्रैल को आयोजित धर्म संवाद के दौरान नजर आई.
पूरा पार्टी दफ्तर ही भगवा रंग में रंगा नजर आया. धर्म संवाद में प्रदेश भर के मंदिर और मठों के पुजारी से लेकर धमार्चार्य तक जुटे. इस मौके पर कांग्रेस की ओर से पुजारियों और धर्माचार्यो को भरोसा दिलाया गया है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर मंदिरों में 1974 के पहले की व्यवस्था लागू की जाएगी.
कांग्रेस दफ्तर के भगवामय होने को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, "भगवा क्या सिर्फ बीजेपी का ट्रेडमार्क है या उन्होंने इसकी कोई एजेंसी ले रखी है. हां, अंतर इतना है कि हम सभी में धार्मिक भावनाएं हैं, लेकिन हम इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाते, जब हम मंदिर जाते हैं तो बीजेपी के पेट में दर्द क्यों होता है?"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल प्रवास के दौरान सुपारी दिए जाने वाले बयान का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि अब देश की जनता कलाकारी की राजनीति में नहीं फंसने वाली है. आज बेरोजगारी, महंगाई और अर्थव्यवस्था देश देख रहा है, अगर प्रधानमंत्री इसी में खुश हैं कि कांग्रेस ने सुपारी दी है, तो क्या कहा जाए.
15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी एमपी में 2018 का विधानसभा चुनाव हार गई, जिसके नतीजे त्रिशंकु विधानसभा के रूप में सामने आए. जहां कांग्रेस 230 सदस्यीय सदन में 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, वहीं बीजेपी ने 109 सीटें जीती थीं. हालांकि, कांग्रेस के 40.89 फीसदी के मुकाबले बीजेपी को 41.02 फीसदी वोट मिले
इसके बाद, कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में एक गठबंधन सरकार बनाई लेकिन मार्च 2020 में यह उस समय गिर गई जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 25 विधायकों ने विद्रोह कर दिया था. जिससे मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की वापसी हुई थी.
(इनपुट- आईएएनएस, पीटीआई)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)