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मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश ने बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं. राज्य के 12 जिलों के 411 गांव बाढ़ की चपेट में है. इन गांव के लोगों को सुरक्षित निकालने का दौर जारी है. राहत और बचाव कार्य के लिए NDRF और वायुसेना की मदद ली जा रही है. राज्य के बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी चर्चा की और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा भी लिया.
राज्य में बीते दो दिनों से जारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, वहीं विभिन्न बांधों का जलस्तर बढ़ने पर पानी की निकासी जारी है. इसके चलते नदियों के किनारे बसे इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव और बस्तियां पानी की चपेट में हैं.
कई इलाकों में तो मकान जलमग्न हो गए हैं और ढह भी गए हैं. इसके अलावा कई इलाकों में मकानों की एक मंजिल पानी से डूब गई है, जिसके चलते लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाकर जान बचानी पड़ी.
मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की. उन्होंने बताया, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कर पूरी स्थिति की जानकारी दी है. उनका स्नेहपूर्ण समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद मिल रहा है.” मुख्यमंत्री ने रविवार दोपहर को देवास जिले के नेमावर, होशंगाबाद, रायसेन लऔर विदेशा जिले के बाढ़ प्रभाविक क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से निरीक्षण किया.
राज्य में साल 1999 के बाद नर्मदा नदी के इलाके में ऐसे हालात बने हैं. प्रदेश के तीन जिलों -- होशंगाबाद, सीहोर तथा रायसेन में कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं. रायसेन जिले के बाड़ी बरेली इलाके में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लोगों को एयरलिप्ट कर निकाला जा रहा है.
बताया गया है कि बाढ़ में फंसे आठ हजार से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. बाढ़ राहत के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां पर रूकने, भोजन, दवाओं आदि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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