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MP: चिकित्सा शिक्षा विभाग में अब सीधे होगी भर्ती, किन नियमों में हुआ बदलाव?

MP Cabinet Meeting: कैबिनेट ने आगर मालवा में लॉ कॉलेज खोलने की भी मंजूरी दी.

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राज्य
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<div class="paragraphs"><p>मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव</p></div>
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मध्य प्रदेश के सीएम डॉक्टर मोहन यादव

(फोटो: मोहन यादव/X)

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मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव की सरकार ने बुधवार (17 जनवरी) को चिकित्सा शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों में संशोधन कर दिया. इस निर्णय के बाद अब विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा. इसके अलावा, कैबिनेट ने आगर मालवा में लॉ कॉलेज खोलने की भी मंजूरी दी.

अब कैसे होगी चिकित्सा शिक्षा विभाग में भर्ती?

मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2023 में संशोधन की स्वीकृति दी हैं. स्वीकृति मिलने के बाद अब विभाग में पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को सीधी भर्ती से भरा जा सकेगा.

सीधी भर्ती का लाभ लेने वाले अभ्यर्थी के अगर दो से ज्यादा बच्चे होंगे तो वह भर्ती के लिए पात्र नहीं होंगे. साथ ही महिलाओं से जुड़े क्राइम में संलिप्ता पाए जाने पर अगर अपराध सिद्ध होगा तो वह भी भर्ती के लिए अपात्र माने जाएंगे.

कैबिनेट मीटिंग में शामिल हुए मंत्री

(फोटो: मोहन यादव/X)

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के सिवनी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर और सिंगरौली में 5 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं, जहां पर इस सत्र से पढ़ाई शुरू होनी है. इन नए कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर सहित करीब 150 पदों पर भर्ती होनी है.

अगर पदोन्नति के हिसाब से नई भर्ती होती तो वहां पर समय सीमा में पढ़ाई शुरू करवाना संभव नहीं था, इसलिए सीधी भर्ती करवाने का फैसला लिया गया है.

पहले क्या था नियम?

दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत मध्य प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज में अब तक पदोन्नति से ही पदों की पूर्ति होती आई है. लेकिन पूर्व की शिवराज सरकार के दौरान राज पत्र में सीधी भर्ती का संशोधन प्रकाशित किया था, उस प्रकाशन पर बुधवार (17 जनवरी) को मोहन सरकार ने अपनी मोहर लगाई है.

कैबिनेट की बैठक राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गायन के साथ प्रारंभ हुई

(फोटो: मोहन यादव/X)

कैबिनेट के अन्य फैसले

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री जन-मन योजना लागू होगी. योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में समुचित विकास किया जाएगा. सरकार उन गांवों में सड़क, आवास, आंगनवाड़ी का लाभ ग्रामीणों को देगी. विशेष जनजातीय क्षेत्रों में केंद्र की फंडिंग से आंगनवाड़ी केंद्र और छात्रावास बनाए जाएंगे, जिसमें 60% केंद्र और 40% राज्य सरकार की हिस्सेदारी होगी.

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प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अब जिन विशेष पिछड़ी जनजातियों के गांवों की आबादी 100 तक है, वहां भी सड़क निर्माण होगा. विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में आवास, शौचालय मिलेगा. सड़क और आवास मिलकर 4,604 करोड़ के बजट का प्रावधान को कैबिनेट की स्वीकृति मिली है.

विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र में बहुउद्देश्यीय केंद्र बनेंगे. 75 करोड़ की लागत से एक केंद्र बनाया जाएगा. केंद्र सरकार सभी बहुउद्देश्यीय केंद्रों के निर्माण का पैसा देगी. 284 केंद्रों के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसमें से 125 केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति भी भारत सरकार ने दी है. विशेष पिछड़ी जनजातीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण का भी प्रस्ताव लाया गया है.

आगर मालवा में नया लॉ कॉलेज खोलने के फैसले के साथ 30 नए पद का सृजन होगा. इसके अलावा विद्युत वितरण लाइसेंस में संशोधन किया गया. ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र के लिए 371 करोड़ का अनुदान केंद्र की ओर से दिया गया है.

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