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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मामले में उनके शिष्य आनंद गिरि पर खुदकुशी के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य अमर गिरी की ओर से जार्जटाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में जिम्मेदार ठहराए गए उनके शिष्य रहे आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का जिक्र है.
1 को आईपीसी की धारा 306 के तहत नामजद किया गया और 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है. खबर है कि पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया, इन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है, इनमें कई राजनीतिक दलों के लोग भी हैं शामिल हैं वहीं महंत नरेंद्र गिरि के गनर से भी पुलिस करेगी पूछताछ.
महंत नरेंद्र गिरि हाल में ही अपने शिष्य आनंद गिरि से विवाद में चर्चा में आए थे. हालांकि वह विवाद आनंद गिरि के माफी मांगने के बाद खत्म हो गया था, लेकिन मठ और मंदिर में आनंद का प्रवेश नहीं हो पाया था.
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मठ और आश्रम को लेकर आगे क्या करना है. किस तरह से व्यवस्था होगी. क्या करना है. एक तरह से सुसाइड नोट में उनका वसीयतनामा है. इसमें विस्तार से लिखा है कि किसे क्या देना है और किसके साथ क्या करना है.
महंत नरेंद्र गिरि का शव आज 11:30 बजे जनता के दर्शनों के लिए श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में रखा जाएगा. अखाड़ा परिषद के पंच परमेश्वरों की बैठक होनी है. बैठक में शोक प्रस्ताव पारित किया जाएगा और अंतिम संस्कार को लेकर भी चर्चा होगी. पोस्टमार्टम के बाद संत परंपरा के मुताबिक पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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