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एंटीलिया बम केस में निलंबित और गिरफ्तार सचिन वझे की अग्रिम जमानत याचिका को लेकर महाराष्ट्र टेररिज्म स्क्वॉड ने थाणे सेशन कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 मार्च को होगी. इस बीच कोर्ट ने प्राइवेट कंसल्टेंट की वझे की मांग भी खारिज कर दी है.
सचिन वझे ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें फंसाने के लिए FIR दर्ज की गई. मनसुख हिरेन जब लापता हुए और उनकी कथित रूप से हत्या कर दी गई, उस समय में दक्षिण मुंबई के डोंगरी में था. बता दें कि मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली थी, जिसमें से विस्फोटक बरामद हुआ था.
सचिन वझे के वकील ए एम केलकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से सचिन वझे को अग्रिम जमानत देने को कहा था. हालांकि एडिशनल सेशंस जज एस एस टांबले ने सचिन वझे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.
इस मामले में कोर्ट ने 19 मार्च को जांच अधिकारी को सचिन वझे की जमानत याचिका पर एफिडेविट फाइल करने को कहा था.
वहीं पुणे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की 6 सदस्यों की टीम शुक्रवार को मुंबई में NIA के ऑफिस पहुंची. FSL की टीमम मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से लदे वाहन की जांच करेगी.
सचिन वझे ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले थाणे सेशन कोर्ट में 12 मार्च को अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें सचिन वझे ने कहा कि, महाराष्ट्र ATS द्वारा दर्ज की गई एफआईआर आधारहीन और उद्देश्यहीन है. एफआईआर में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है.
एंटीलिया बम केस और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वझे को 13 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के दूसरे दिन सचिन वझे को निलंबित कर दिया गया था.
NIA की स्पेशल कोर्ट ने सचिन वझे की उस मांग को खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने हिरासत के दौरान वकील के साथ परामर्श करने के लिए प्राइवेट कंसल्टेंट की अनुमति मांगी थी. इस मामले में जज ने कहा कि, उनका पिछला आदेश स्पष्ट है.
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