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महाराष्ट्र में कोविड-19 से होने वाली मौतों का स्तर अधिक रहा, जबकि नए संक्रमण भी 10,000 के स्तर को पार कर गए, हालांकि ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. ऐसे में जब राज्य दूसरी लहर से ही जूझ रहा है एक्सपर्ट ऐसी आशंकाएं जता रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है. तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य में आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाने और ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दी है. इससे जुड़ी एक टास्क फोर्स के डॉक्टरों, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम ठाकरे ने ये जानकारी दी है.
टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने राज्यभर में सीरो सर्वेक्षण कराने की बात कही है. साथ ही जल्दी से जल्दी, ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करने पर जोर देने की बात कही है. इन डॉक्टरों की आशंका ये है कि अगर भीड़ बढ़ने और कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पलन नहीं किया गया तो दूसरी लहर से उबरने के दो महीने बाद ही राज्य को तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है.
उद्धव ठाकरे का कहना है कि दूसरी लहर अब कम हो रही है लेकिन इस दौरान राज्य ने जिस तरह का माहौल देखा है और जो उससे सीखा है उसका इस्तेमाल आगे आने वाली चुनौतियों में किया जा सकता है. सीएम का कहना है कि दूसरी लहर में दवाएं, हेल्थ सिस्टम की दूसरे पैमाने जैसे बेड्स, ऑक्सीजन पर और ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि देश को अगस्त-सितंबर से 42 करोड़ टीके मिल रहे हैं. इससे वैक्सीनेशन तेजी से शुरू होगा और इससे महाराष्ट्र को भी फायदा होगा.
राज्य में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में बहुत कम समय में रोगियों की संख्या दोगुनी हुई थी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपने प्रजेंटेशन में ये आशंका जताई है कि नए डेल्टा प्लस वेरिएंट का भी खतरा होने से तीसरी लहर आने पर राज्य में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है. पहली लहर में 19 लाख मरीज थे, दूसरी लहर में यह संख्या 40 लाख से अधिक हुई. अनुमान है कि तीसरी लहर में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से सक्रिय मरीजों की संख्या भी 8 लाख तक पहुंच सकती है. साथ ही 10 फीसदी के आसपास बच्चे संक्रमित हो सकती है.
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