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तीसरी लहर,Delta वेरिएंट की आशंका के बीच महाराष्ट्र की तैयारी जानिए

तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं

ऋत्विक भालेकर
राज्य
Updated:
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.
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कोरोना महामारी की शुरुआत से ही महाराष्ट्र इससे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में से एक रहा है.
(फोटो: रॉयटर्स/फिट)

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महाराष्ट्र में कोविड-19 से होने वाली मौतों का स्तर अधिक रहा, जबकि नए संक्रमण भी 10,000 के स्तर को पार कर गए, हालांकि ठीक होने वाले रोगियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. ऐसे में जब राज्य दूसरी लहर से ही जूझ रहा है एक्सपर्ट ऐसी आशंकाएं जता रहे हैं कि तीसरी लहर भी आ सकती है. तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. राज्य में आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाने और ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दी है. इससे जुड़ी एक टास्क फोर्स के डॉक्टरों, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद सीएम ठाकरे ने ये जानकारी दी है.

टास्क फोर्स के डॉक्टरों की क्या है चिंताएं?

टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने राज्यभर में सीरो सर्वेक्षण कराने की बात कही है. साथ ही जल्दी से जल्दी, ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करने पर जोर देने की बात कही है. इन डॉक्टरों की आशंका ये है कि अगर भीड़ बढ़ने और कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पलन नहीं किया गया तो दूसरी लहर से उबरने के दो महीने बाद ही राज्य को तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है.

टास्क फोर्स की इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मुख्य सचिव सीताराम कुंटे समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

दूसरी लहर से हमें सीखना होगा- उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे का कहना है कि दूसरी लहर अब कम हो रही है लेकिन इस दौरान राज्य ने जिस तरह का माहौल देखा है और जो उससे सीखा है उसका इस्तेमाल आगे आने वाली चुनौतियों में किया जा सकता है. सीएम का कहना है कि दूसरी लहर में दवाएं, हेल्थ सिस्टम की दूसरे पैमाने जैसे बेड्स, ऑक्सीजन पर और ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि देश को अगस्त-सितंबर से 42 करोड़ टीके मिल रहे हैं. इससे वैक्सीनेशन तेजी से शुरू होगा और इससे महाराष्ट्र को भी फायदा होगा.

आगे आने वाले कोविड चुनौतियों के लिए कौन सी दवाएं काम आ सकती हैं, उनकी खरीद कैसे होगी, जरूरी राशि की व्यवस्था कैसे करना है, आरटीपीसीआर किट, पीपीआई किट की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक में चर्चा हुई. मुख्यमंत्री का इस बात पर जोर था कि सभी सिस्टम एक दूसरे से को-आर्डिनेट होकर काम करें जिससे तेजी से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.

डेल्टा प्लस वेरिएंट से कैसी चुनौतियों की आशंका?

राज्य में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में बहुत कम समय में रोगियों की संख्या दोगुनी हुई थी. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपने प्रजेंटेशन में ये आशंका जताई है कि नए डेल्टा प्लस वेरिएंट का भी खतरा होने से तीसरी लहर आने पर राज्य में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है. पहली लहर में 19 लाख मरीज थे, दूसरी लहर में यह संख्या 40 लाख से अधिक हुई. अनुमान है कि तीसरी लहर में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से सक्रिय मरीजों की संख्या भी 8 लाख तक पहुंच सकती है. साथ ही 10 फीसदी के आसपास बच्चे संक्रमित हो सकती है.

कोरोना से जुड़े इन आंकड़ों को देखा जाए तो ट्रेंड का पता चलता है

  • 17 सितंबर, 2020 को पहली लहर में सबसे ज्यादा 3 लाख 1 हजार 752 मरीज थे.
  • 22 अप्रैल, 2021 को दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या 6 लाख 99 हजार 858 थी.
  • 13 सितंबर, 2020 को सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा 517 था.
  • दूसरी लहर में 26 अप्रैल, 2021 को अधिकतम 1,110 लोगों की जान ली.
  • हफ्ते की पॉजिटिविटी रेट देखें तो 9 सितंबर, 2020 को सबसे अधिक 23.53 प्रतिशत थी जबकि दूसरी लहर में 8 अप्रैल, 2021 को पॉजिटिविटी रेट 24.96 फीसदी था.

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Published: 17 Jun 2021,06:33 PM IST

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