Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अब ट्रांसफर रैकेट: विपक्ष के निशाने पर उद्धव,रिपोर्ट दबाने का आरोप

अब ट्रांसफर रैकेट: विपक्ष के निशाने पर उद्धव,रिपोर्ट दबाने का आरोप

रिपोर्ट में महाराष्ट्र के कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं

ऋत्विक भालेकर
राज्य
Updated:
फडणवीस ने उद्धव सरकार को निशाने पर लिया
i
फडणवीस ने उद्धव सरकार को निशाने पर लिया
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

एंटीलिया बम धमकी मामले से लेकर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर के 'लेटर बम' तक महाराष्ट्र में हर रोज एक से बढ़कर एक हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा है. इस बीच विपक्ष महाराष्ट्र के कथित आईपीएस ट्रांसफर रैकेट मामले में 'सबूतों से भरा' एक पेन ड्राइव लेकर आया है.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की तरफ से सामने रखे गए इन 'सबूतों' में कथित ट्रांसफर रैकेट में शामिल बड़े पुलिस अधिकारी और दलालों की कॉल रिकॉर्डिंग का 6.3 जीबी डेटा होने का दावा किया है. इसके साथ ही फडणवीस ने स्टेट इंटेलिजेंस विभाग की एक टॉप सीक्रेट रिपोर्ट का भी जिक्र किया है.

इस  रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीपी सचिन पाटिल के नासिक में ट्रांसफर के लिए संतोष जगताप नामक ब्रोकर ने मंत्री आदित्य ठाकरे से लेकर अनिल देशमुख तक और डिप्टी सीएम अजित पवार से लेकर शरद पवार तक से मुलाकात की, बाद में शरद पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे को वॉट्सऐप मैसेज कर सचिन पाटिल के ट्रांसफर के लिए कहा था.  
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

20 अगस्त 2020 को इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने डीजीपी सुबोध जैसवाल को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें महादेव इंगले नाम के व्यक्ति पर ट्रांसफर रैकेट के पीछे का मास्टरमाइंड होने का इनपुट था. इंगले के फोन 29 जुलाई 2020 से सर्विलांस पर रखे गए थे.

जब इंगले के इंटरसेप्ट किए गए कॉल का विश्लेषण किया गया तो कथित तौर पर सामने आया कि इंगले राजनीतिक और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के दम पर महाराष्ट्र में पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर डीआईजी लेवल तक के अधिकारियों से उनके इच्छा के अनुसार ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर बात कर रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, इंगले ने एसपी से लेकर डीआईजी तक के 29 लोगों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर उस समय बात की थी.

इंटेलिजेंस विभाग ने जो कॉल इंटरसेप्ट किए उसके हिसाब से इंगले ने डीआईजी निसार तंबोली, एसपी दिलीप भुजबल, एसपी विजय कुमार, एसपी श्रीधर, एसपी शिवाजी राठौड़, एसपी राकेश कल सागर, एसपी दिगंबर प्रधान, एसपी अतुल झंडे, एडिशनल एसपी संदीप पालवे, एडिशनल एसपी वैशाली, डीसीपी पराग मेरे, एडिशनल एसपी मिलिंद मोहिते, एडिशनल एसपी राजू भुजबल, डीसीपी अशोक दुधे, डिप्टी एसपी राहुल धस, डीसीपी राहुल खड़े, डीसीपी भरत टंगड़े, एसपी राहुल श्री रामे, एसपी मनोज पाटिल, एसपी चंद्रकांत खांडवी, डिप्टी एसपी गणेश केंद्र, डिप्टी एसपी विवेक पवार, डिप्टी एसपी विकास तोडावल, एसीपी पंकज, एसीपी अशोक वीरकर एसीपी ढोला तेली और एसीपी हेमंत सावंत से उनके मन मुताबिक पोस्टिंग के बारे में बात की थी.

इंटेलिजेंस विभाग ने जिस दूसरे एजेंट की कॉल इंटरसेप्ट की थी उसका नाम है संतोष उर्फ सागर जगताप. जिसके मोबाइल नंबर को विभाग ने 11 अगस्त 2020 से सर्विलांस पर रखा था.

ऑफिशियल सीक्रेट रिपोर्ट के आधार पर लगे आरोपों के मुताबिक, एजेंट संतोष जगताप ने डीसीपी सचिन पाटिल के नासिक में ट्रांसफर के लिए मंत्री आदित्य ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की थी, और उसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के नासिक के विधायकों को लेकर मुंबई में यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में एनसीपी के मुखिया शरद पवार से भी मुलाकात की थी.

इंटरसेप्ट कॉल से मिली जानकारी के मुताबिक, जगताप ने सचिन पाटिल को बताया कि पवार ने उद्धव ठाकरे को वॉट्सऐप मैसेज कर सचिन पाटिल का नाम भेजा था. जगताप की इंटरसेप्ट कॉल में यह बात भी सामने आई है कि वह विपिन कुमार सिंह एडीजी के भी संपर्क में था.

इंटेलिजेंस विभाग द्वारा और भी कई ऐसे एजेंट सामने आए हैं जिनकी कॉल को इंटरसेप्ट किया गया था. इनमें नवाज मुनेर अजीमुद्दीन, देवानंद भोजे के नाम भी शामिल होने के सबूत मिले हैं. इन लोगों ने भी महाराष्ट्र के अलग-अलग पुलिस अधिकारियों से उनके ट्रांसफर के बारे में संपर्क किया था.

रश्मि शुक्ला की ओर से डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इनमें से कुछ अधिकारियों ने इन एजेंट्स को पैसों का भी भुगतान किया था.

डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट के बाद डीजीपी सुबोध जायसवाल ने यह टॉप सीक्रेट रिपोर्ट महाराष्ट्र के एडीशनल चीफ सेक्रेट्री होम सीताराम कुंटे को 26 अगस्त 2020 भेजी थी. इसके बाद कुंटे ने यह रिपोर्ट उद्धव ठाकरे को भेजी थी. फिर उद्धव ने यह टॉप सीक्रेट रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल देशमुख को भी भेज दी थी. मगर इस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

इंटेलिजेंस की ताजा रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि जिन लोगों की कॉल इंटरसेप्ट की गई थी और जिन पुलिस अधिकारियों ने एजेंट से संपर्क किया था उनमें से लगभग एक दर्जन से ज्यादा लोगों को उनकी मनमाफिक ट्रांसफर पोस्टिंग मिल गई.

इस बीच, एनसीपी ने रश्मि शुक्ला को 'बीजेपी का एजेंट' बताया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि शुक्ला ने बिना अनुमति लिए फोन टैप किए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 24 Mar 2021,08:19 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT