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महाराष्ट्र के जालना (Jalna) जिले में शुक्रवार, 1 सितंबर को मराठा आरक्षण (Maratha Protest) को लेकर प्रदर्शन कर रहे मराठा प्रदर्शनकारी तब उग्र हो गए जब पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दी. पुलिस की लाठीचार्ज में महिलाओं समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं. इस दौरान आंदोलनकर्मियों के पथराव में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
बताया जा रहा है कि जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में मराठा आक्रोश मोर्चा आंदोलन के दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद आक्रमक भीड़ पर पुलिस ने लठी चार्ज कर दी.
बता दें, मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटील कुछ आंदोलनकारियों के साथ अनशन पर थे. 1 सितंबर को अनशन का चौथा दिन था. अनशन पर बैठे पाटिल की हालत बिगड़ती जा रही थी, जिसके चलते कई लोगों ने उन्हें अनशन वापस लेने की गुजारिश की, लेकिन वो अनशन पर डटे रहे. इस आंदोलन में गांव के लोग और कुछ मराठा संघटन भी शामिल थे.
इस दौरान आंदोलन को शांत कराने के लिए पुलिस आंदोलनकारियों को हिरासत में लेने के लिए पहुंची. इसी वक्त पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत लाठी चार्ज कर दिया.
बताया जा रहा है कि इस घटना में महाराष्ट्र के 12 जवान घायल हुए हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान गुस्साए लोगों ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और धुले-जालना हाईवे पर बसों में आग लगा दी.
पुलिस की लाठीचार्ज से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने धुले-जालना हाईवे पर 2 बसों को आग के हवाले कर दिया, जबकि 20 अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की. फिलहाल, परिस्थिति सामान्य रहे इसलिए दंगा नियंत्रक पथक और SRPF बुलाई गई है. जालना, बीड और नंदुरबार में जिला बंद का आह्वान किया गया है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार शनिवार दोपहर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के साथ जालना पहुंचे. जबकि, शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के भी विपक्ष के नेता (परिषद) अंबादास दानवे और कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण के साथ जालना पहुंचने की खबर आई.
शरद पवार उस जगह पर गए, जहां पिछले मंगलवार से विरोध-प्रदर्शन चल रहा है और मराठों की सभा को संबोधित किया. यहां बीजेपी के सांसद छत्रपति उदयन राजे भोसले मौजूद थे और छत्रपति संभाजीराजे भोसले पहले पहुंच चुके थे.
शरद पवार ने वादों को पूरा नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की और सरकार पर मराठा आंदोलन को कुचलने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सरकार से पूछा कि हिंसा किस वजह से हुई. विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.
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