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महाराष्ट्र में कोरोना (Coronavirus) की तोसरी लहर के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने गणेश उत्सव मनाने पर पाबंदियां लगा दी है. लोगों को लगातार दूसरे साल गणपति पंडालों में दर्शन के लिए रोक लगा दी है. महाराष्ट्र के गृह विभाग की तरफ से कल नोटिफिकेशन जारी कर सभी पंडालों को भक्तगण के लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके अलावा मुंबई में भी गणेश उत्सव की धूम नही होगी, क्योंकि BMC ने भी अलग से गाइडलाइंस जारी कर दी है.
शुक्रवार यानी 10 सितंबर से शुरू हो गणेश उत्सव के लिए BMC की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, सार्वजनिक पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा समारोह के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है.
BMC की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक सार्वजनिक पंडालों में मूर्ति लाने और विसर्जन के लिए ले जाते समय 10 से अधिक लोग मौजूद नहीं होंगे. घर में मूर्ति लाने और विसर्जन के लिए ले जाते समय अधिकतम पांच लोग ही मौजूद रहेंगे.
नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा.
इसके अलावा उत्सव के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक लेनी होगी और दूसरी खुराक लिए हुए 15 दिन से अधिक समय होना चाहिए.
बीएमसी ने कहा, 'कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए, श्रद्धालुओं को सार्वजनिक पंडालों में दर्शन करने से मना किया गया है. यह निर्णय लिया गया है कि गणेशोत्सव मंडल श्रद्धालुओं को केबल नेटवर्क, वेबसाइट, फेसबुक या (अन्य) सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन की सुविधा प्रदान करें.
कोविड-19 कन्टेंटमेंट जोन में आने वाले मंडलों को पंडाल परिसर में ही भगवान गणपति की प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था करनी होगी या इसे स्थगित करना होगा. इसी तरह सीलबंद भवनों में श्रद्धालुओं को प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था घर में ही करनी होगी.
BMC के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एक दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था, 'हम बाद में पर्व मना सकते हैं. हम अपने नागरिकों की जिंदगी और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. दैनिक मामलों में वृद्धि के मद्देनजर हालात नियंत्रण से बाहर जा सकते हैं.' उन्होंने कहा, 'कौन पर्व मनाने और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाना चाहेगा? लेकिन लोगों की जिंदगी अहम है.'
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