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महाराष्ट्र में दूसरी कोरोना लहर में मची तबाई के बाद राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते आंकड़े फिर एक बार तीसरी लहर की दस्तक दे रहे हैं. इसीलिए राज्य सरकार तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियों में जुट गई है. महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य है जिसने बेड, ऑक्सीजन वगैरह की जानकारी देने के लिए सेंट्रलाइजड डैशबोर्ड बनाया है.
इस डैशबोर्ड के जरिये राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों के बेड्स, आईसीयू, वेंटीलेटर्स, ऑक्सीजन और लाइफ सेविंग दवाइयों की उपलब्धता ऑनलाइन ट्रैक की जाएगी. पहले जिलों का अपना स्वतंत्र डैशबोर्ड सिस्टम कार्यरत था. लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे के उपस्थिति में सभी जिलों के डीएम और विभागीय आयुक्त की हुई बैठक के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टेक्निकल मॉनिटरिंग कमिटी गठित की गई. जो स्वास्थ्य से जुड़े सभी संसाधनों और प्रक्रियाओं पर नजर रखेगी.
दरअसल, दूसरी लहर में वायरस से ज्यादा स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के प्रबंधन में खामियां लोगों के लिए जानलेवा बनी. बेड, आईसीयू और ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ने वाले कई उदाहरण दूसरी लहर में देखने को मिले. इतना ही नहीं बल्कि ऑक्सीजन और दवाइयों में कालाबाजारी भी धड़ल्ले से चल रही थी. जिसके चलते इस बार सरकार ने सभी व्यवस्थाओं का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है.
बता दें कि इससे जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स जैसे निजी अस्पताल, ऑक्सीजन मन्युफैक्चरर्स, दवाइयों के ट्रेडर्स को हर 3 घंटे में इस डैश बोर्ड पर रियल टाइम डाटा अपटेड करना होगा. साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जानकारी देने की सख्ती होगी. प्रशासन इस डाटा के मुताबिक सुविधाओं की आपूर्ति करेगा.
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