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हाल ही में एमएलसी चुनाव के दौरान शिवसेना के साथ सामना होने के बाद, कांग्रेस ने कहा कि महाविकास अघाडी के भीतर कोई मतभेद नहीं हैं और सरकार सुचारु रूप से चल रही है. साथ ही मौजूदा महामारी से लड़ रही है. विधान परिषद चुनाव के दौरान, जब कांग्रेस ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे थे तो इससे शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपसेट हो गए थे, लेकिन बाद में कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी के दबाव के बाद इन उम्मीदवारों को वापस ले लिया था.
पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, "हम दो सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे, हालांकि हमारे पास विधानसभा में संख्या कम थी. हमारे पास दूसरे उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए संख्या नहीं थी. बाद में हमने सोचा कि हमें कोविड-19 के दौरान चुनाव में नहीं उतरना चाहिए. और इसलिए एमएलसी चुनाव में वोट देने के लिए हर विधायक को बुलाया."
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर कटाक्ष किया और कहा, "मैं उम्मीद करूंगा कि भाजपा इस महामारी संकट के दौरान राजनीति नहीं करेगी. उन्होंने शुरुआत में कोशिश की थी, लेकिन आपको इसका परिणाम पता है. हम हमारे सहयोगियों के परामर्श से जोश के साथ भाजपा से लड़ेंगे. तीनों पार्टियां (शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा) 5 साल के कार्यकाल को पूरा करने के लिए तैयार हैं."
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