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महाराष्ट्र: अजान Vs हनुमान चालीसा पर बढ़ता जा रहा घमासान, ये है अब तक की दास्तान

शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट किया है कि, "अब बहुत हो गया, अब सब्र और शालीनता की ऐसी की तैसी."

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<div class="paragraphs"><p>महाराष्ट्र में बढ़ता जा रहा अजान Vs हनुमान चालीसा का घमासान</p></div>
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महाराष्ट्र में बढ़ता जा रहा अजान Vs हनुमान चालीसा का घमासान

फोटो- क्विंट

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महाराष्ट्र (Maharashtra) में अजान (Azan) और हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने शनिवार को 'मातोश्री' में हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं को उन्हें परेशान करने के लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं.

इसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे के घर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, वहीं नवनीत राणा के घर शिव सैनिक भी पहुंच गए हैं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी मातोश्री के बाहर बैठी हैं, उन्होंने कहा कि वो लोग राणा दंपत्ति का इंतजार कर रहे हैं.

बीजेपी का समर्थन करने वाले रवि राणा ने मराठी में ट्वीट कर कहा, "अमरावती में मेरे घर के सामने कुछ शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, पत्थर फेंके, मेरे दो छोटे बच्चे हैं, परिवार है लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही. मुझे लग रहा है ये मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इशारे पर हो रहा है इसलिए इस मामले में जवादेही इन दोनों की रहेगी."

उधर शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट किया है कि, "अब बहुत हो गया, अब सब्र और शालीनता की ऐसी की तैसी. जय महाराष्ट्र!"

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यदि कोई मातोश्री पर आकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा तो क्या शिवसेना चुप बैठेगी. यदि आप हमारे घर तक पहुंचेंगे तो हमें अधिकार है उसी भाषा में जवाब देने का. महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था आप खराब कर रहे हैं अगर आप में हिम्मत है तो सामने आकर लड़ें."

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एएनआई से कहा कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति "राज्य सरकार की छवि और राज्य का माहौल खराब करना चाहते हैं. 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने की क्या जरूरत है, वे इसे अपने घर में कर सकते हैं. वे किसी के कहने पर ऐसा कर रहे हैं."

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'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने क्यों पहुंचे राणा दंपत्ति?

इस मामले की शुरुआत शिवसेना के नेता संजय राउत के बयान के बाद से हुई. उन्होंने कहा था कि 'हनुमान चालीसा' और रामनवमी का त्योहार आस्था का विषय है न कि 'स्टंट' के लिए किया जाना चाहिए.

इसके बाद राणा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे से हनुमान जयंती पर 'हनुमान चालीसा' पढ़ने की मांग की थी, "महाराष्ट्र को संकट से मुक्त करने और राज्य के लिए शांति प्राप्त करने के लिए", लेकिन मुख्यमंत्री ने इससे 'इनकार' कर दिया था.

इसके बाद राणा ने कहा, "हम कल नौ बजे 'हनुमान चालीसा' पढ़ने के लिए वहां ('मातोश्री') जाएंगे. हम पुलिस के साथ सहयोग करेंगे. मैंने अपने कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मुंबई में कानून-व्यवस्था भंग न हो. पुलिस और लोगों को परेशान नहीं होना चाहिए.”

राज ठाकरे की धमकी के बाद से गर्म हुई राजनीति

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने 2 अप्रैल को मुंबई के शिवाजी पार्क में हुई एक जनसभा में कहा था कि, “क्यों मस्जिदों के बहार तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जाता है? यदि ये तुरंत नहीं रोका जाता है, तो हम मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे.”

हालांकि उन्होंने आगे कहा कि मैं किसी की प्रार्थना के खिलाफ नहीं हूं और न ही किसी धर्म के खिलाफ हूं.”

हफ्तेभर पहले राज ठाकरे राज ठाकरे के इसी अल्टीमेटम पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज ठाकरे को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. जब समय आएगा तो मैं निश्चित ही जवाब दूंगा. मेरे पास हर सवाल का जवाब है.

बीजेपी भी इस मामले में राज ठाकरे के समर्थन में हैं.

लाउडस्पीकर पर अजान करने को लेकर आपत्ति उठाए जाने का ये कोई पहले मामला नहीं है इससे पहले भी खूब विवाद हुआ है. केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में अजान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की खबरें सामने आई हैं.

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