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देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को चुराचांदपुर में चार लोगों की गोलीबारी में मौत हो गई. वहीं राजधानी इंफाल में एक टैक्स असिस्टेंट की हत्या कर दी गई. बता दें कि प्रदेश में पिछले चार दिनों से तनाव फैला हुआ है. सेना के साथ ही असम राइफल्स के जवान शांति स्थापित करने में जुटे हैं.
चुराचांदपुर में मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान शुक्रवार, 5 मई को फायरिंग की घटना सामने आई है. गोलीबारी तब हुई, जब आदिवासियों ने क्षेत्र से मैतेई समुदाय को निकालने में कथित रूप से हस्तक्षेप करने की कोशिश की.
चूड़ाचंदपुर निवासी और रिसर्चर मुआन हंससिंह (24) ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, "सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. शाम करीब 7 बजे हमें सूचना मिली कि सुरक्षाकर्मी कस्बे में फंसे मैतेई समुदाय के लोगों को निकालने जा रहे हैं. लोग (इस निकासी के विरोध में) शहर की मुख्य सड़क, तिदिम रोड का घेराव करने के लिए जमा हुए. महिलाओं को बैरिकेड्स के सामने खड़ा कर दिया क्योंकि हमने सोचा था कि उन पर गोली नहीं चलाई जाएगी. लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई."
मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक टैक्स असिस्टेंट की हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान लेमिनथांग हाओकिप के रूप में हुई है. इंडियन रेवेन्यू सर्विस एसोसिएशन ने इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया, "कोई भी कारण या विचारधारा एक निर्दोष लोक सेवक की हत्या को सही नहीं ठहरा सकती."
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है. 16 लोगों के शव चूराचांदपुर जिले के अस्पताल के शवगृह में रखे गए हैं जबकि 15 शवों को इंफाल ईस्ट जिले के जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखा गया है. इंफाल वेस्ट के अस्पताल रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 23 शवों को रखा गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से अब तक 13 हजार लोगों को सुरक्षित निकाया गया है. इनमें से कुछ लोगों को सेना के शिविरों में भी रखा गया है. सेना का कहना है कि चुराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोक्पी जिलों में हालात पर नियंत्रण पा लिया गया है.
(इनपुट: इंडियन एक्सप्रेस और बीबीसी)
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