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मनीष सिसोदिया की जमानत का CBI ने किया विरोध, 12 मई तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

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<div class="paragraphs"><p>दिल्ली कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ाई</p></div>
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दिल्ली कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ाई

(फोटो- पीटीआई)

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दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार 27 अप्रैल को आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy) में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी है. दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री, जिन्हें 26 फरवरी को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया था, उन्हें आज दोपहर अदालत में लाया गया था.

सीबीआई ने मंगलवार को आबकारी मामले में अपने पूरक आरोप पत्र में सिसोदिया को चार लोगों के बीच मुख्य आरोपी बनाया था. मामले में आरोपी अमनदीप सिंह ढाल, अर्जुन पांडेय और बुच्ची बाबू गोरंटला हैं.

सीबीआई द्वारा इस साल दाखिल की गई यह दूसरी चार्जशीट है. इससे पहले विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण पिल्लई, समीर महेंद्रू, गौतम मूथा, कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह के नाम रखे थे, जो दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 मामले में आरोपी थे.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सभी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) और धारा 7 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध), 7ए (भ्रष्ट या भ्रष्ट द्वारा लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना) 8 (लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) और 12 (अपराधों के लिए सजा) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया, मनीष सिसोदिया ने राहत पाने वाले अन्य आरोपियों के साथ उनके लिए भी राहत की मांग की थी और दावा किया कि था कि आप के वरिष्ठ नेता मामले में गवाहों को प्रभावित करने या सबूत के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं थे.

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू से उनकी समझ के लिए पूरे घोटाले को समझाने के लिए कहा. एएसजी राजू ने कहा कि आरोपी पैसा कमाना चाहते थे, लेकिन साथ ही वे दिखाना चाहते थे कि वे पारदर्शी हैं जो कि वे नहीं थे.

एनडीटीवी के हवाले से खबर है कि एएसजी ने आगे कोर्ट को बताया कि...

"शराब नीति पर कोई चर्चा नहीं की गई थी और इसे दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने भी अप्रूव नहीं किया था और कहा कि नई नीति को इसलिए लागू किया गया था क्योंकि पिछली नीति में यह किकबैक उत्पन्न करना संभव नहीं था."

सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने अपने लिखित जवाब में दावा किया कि आप नेता गंभीर आर्थिक अपराधों में शामिल थे और अपराध के तौर-तरीकों को उजागर करने में महत्वपूर्ण थे.

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