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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की हालिया घोषणा से मथुरा में संपूर्ण मांस और शराब बंदी (mathura meat ban) की अटकलों ने शहर के व्यापारियों को परेशान कर दिया है. प्रतिबंध के संबंध में कोई आधिकारिक आदेश नहीं होने से, इन व्यवसायों और उनकी संबद्ध गतिविधियों से जुड़े व्यापारियों और श्रमिकों में असमंजस की स्थिति दिखाई पड़ रही है.
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा में हुए समारोह में बोलते हुए, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला अधिकारियों को डेयरी व्यवसाय जैसे अन्य व्यवसायों में मांस और शराब विक्रेताओं को 'पुनर्वास' करने की योजना तैयार करने के लिए कहा था.
मथुरा, गोवर्धन, बरसाना, बलदेव, नंदगाँव, राधाकुंड, गोकुल, वृंदावन के सात शहरों में पहले से ही प्रतिबंध है, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा पूर्व में तीर्थ स्थल घोषित किया गया था. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रतिबंध को पूरे जिले में स्पष्ट रूप से लागू किया जाएगा.
घोषणा के बाद से जिले में मांस और शराब की बिक्री से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े व्यापारियों और दुकानदारों से कोई आधिकारिक बातचीत नहीं की गई है. मथुरा जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि,
असमंजस के बीच व्यापारियों का कहना है कि पूर्ण प्रतिबंध से हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा.
असमंजस की स्थिति के बावजूद, मांस और शराब के कारोबार में शामिल व्यापारियों और व्यक्तियों का दावा है कि यह कदम उन पर कठोर होगा और उनके आजीविका के एकमात्र स्रोत पर ठोस प्रभाव पड़ेगा. खुदरा और छोटे दुकानदार सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जो महामारी के दौरान अपने नुकसान से मुश्किल से उबर पाए हैं.
भरतपुर गेट बाजार क्षेत्र के एक मांस विक्रेता 25 वर्षीय शाहरुख खान ने कहा,
शहर में मांस विक्रेताओं को, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के एक आधिकारिक आदेश में, "कृष्ण जन्माष्टमी" समारोह से पहले कानून और व्यवस्था के एहतियात के तौर पर 21 अगस्त से 2 सितंबर तक अपनी दुकानें बंद रखने का निर्देश दिया गया था.
शहर के एक रेस्टोरेंट के मालिक का दावा है कि अगर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐसा कोई आदेश लागू होता है तो उससे राजस्व में कमी आएगी. एक रेस्टोरेंट के मालिक विपुल मांके ने कहा, "हमारे लिए अंतिम विकल्प यह है कि प्रतिबंध लागू होने की स्थिति में हम शाकाहारी भोजन परोसना शुरू कर देंगे. 30 से 40 प्रतिशत राजस्व का नुकसान होगा, लेकिन हम शाकाहारी व्यंजनों में अधिक विकल्प तलाशने की कोशिश करेंगे"
शहर के एक अन्य रेस्टोरेंट के मालिक पूर्ण प्रतिबंध के आह्वान से खुश नहीं हैं. नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा, "यह आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक राजनीति से प्रेरित कदम है. अगर इस तरह का प्रतिबंध लागू होता है, तो हम आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे."
मथुरा में कम से कम 600 शराब की दुकानें हैं जो बीयर, विदेशी और देशी शराब बेचती हैं. शराब कारोबारी भी स्टैंडबाय मोड में हैं. प्रतिबंध पर आधिकारिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं.
एक दुकान के मालिक ने कहा, "एक व्यवसाय को अचानक बंद करने से ऐसे कठिन समय में हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे. हमें उम्मीद है कि सभी हितधारकों के हितों की सेवा के लिए एक विवेकपूर्ण रणनीति बनाई जाएगी."
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