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MCD Election: कूड़े का अंबार, बाजार बेहाल-सड़के बदहाल..क्या हैं चुनावी मुद्दे?

MCD Elections: दिल्ली के 250 वॉर्ड के लिए एमसीडी के चुनाव 4 दिसंबर को होंगे और चुनावों के नतीजे 15 दिसंबर को आएंगे.

फैजान अहमद
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>MCD को चुनावों से ऊपर उठकर इन 5 जमीनी मुद्दों पर देना होगा खास ध्यान</p></div>
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MCD को चुनावों से ऊपर उठकर इन 5 जमीनी मुद्दों पर देना होगा खास ध्यान

(फोटो: द क्विंट)

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दिल्ली में एमसीडी के चुनाव का बिगुल (MCD Elections 2022) बज चुका है. 15 साल से बीजेपी का एमसीडी पर कब्जा जमाकर बैठी है, तो वहीं अब आम आदमी पार्टी इस बार जीत का दावा करते हुए लोगो को यहीं बता रही है कि बीजेपी ने कैसे दिल्ली का हाल बेहाल कर दिया. केजरीवाल दिल्ली वालों को 10 गारंटी भी दे रहे हैं. दिल्ली के 250 वॉर्ड के लिए एमसीडी के चुनाव 4 दिसंबर को होंगे और चुनावों के नतीजे 15 दिसंबर को आएंगे.

एमसीडी चुनाव क्यों जरूरी है और दिल्ली में एमसीडी पर किसी भी पार्टी का कब्जा हो, लेकिन एमसीडी को किन मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए आइए आपको बताते हैं.

कूड़े से कब मिलेगा निजात?

दिल्ली एमसीडी चुनावों में एक अहम मुद्दा दिल्ली में बने तीन कूड़े के पहाड़ है. जिनमें गाजीपुर, भलस्वा, और ओखला में बन गए कूड़े के पहाड़ शामिल है. इन कूड़े के पहाड़ों पर अक्सर एमसीडी की सत्ता में काबिज बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में चल रही दिल्ली सरकार के बीच जमकर राजनीति होती रहती है. सीएम अरविंद केजरीवाल कई बार कूड़े को लेकर बीजेपी को घेरते रहे हैं. केजरीवाल ने दावा किया है कि अगर उनकी पार्टी जीत जाती है तो वो विदेश से एक्सपर्ट बुलाकर कूड़े का ढेर हटवा देंगे. आप आदमी पार्टी बकायादा सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रही है कि बीजेपी ने दिल्ली को कूड़े का ढेर बना दिया है.

MCD कर्मचारियों को समय पर कैसे मिलेगी सैलरी?

दिल्ली एमसीडी के कर्मचारियों को समय से वेतन का भुगतान ना होना एक गंभीर समस्या है. सैलरी नहीं मिलने की वजह से एमसीडी के कर्मचारी बार-बार हड़ताल पर चले जाते हैं. कभी नर्सिंग स्टाफ तो कभी टीचर्स को हड़ताल पर जाना पड़ता है. बीते साल 15 नवंबर को एमडीएमसी के अंतर्गत आने वाले हिन्दू राव अस्पताल के रेसिडेंट डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को हड़ताल पर जाना पड़ा था. दिल्ली के सफाई कर्मचारी, डीएमसी कर्मी, पेंशनर्स और निगम के शिक्षको सैलरी ना मिलने से परेशान हैं.

इसी साल मई के महीने में ईस्ट दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के अंदर आने वाले स्कूल के टीचर्स सैलरी नहीं मिलने की वजह से हड़ताल पर चले गए थे.

कार पार्किंग और अवैध अतिक्रमण की समस्या  

दिल्ली में कार पार्किंग और अवैध अतिक्रमण की समस्या भी बेहद गंभीर समस्या बनकर उभरी है. दिल्ली के बाजारों में पर्याप्त कार पार्किंग ना होने की वजह से हर समय जाम जैसी समस्या बनी रहती है. एमसीडी पार्किंग कम होने की वजह से दिल्लीवासी गाड़ियों को सड़क पर ही पार्क करने को मजबूर होते है, जिसकी वजह से जाम की समस्या में इजाफा होता है.

दिल्ली की सड़कें अवैध अतिक्रमण का भी दंश झेल रहीं हैं. अवैध अतिक्रमण की वजह से भी दिल्लीवासियों को ट्रैफिक जाम जैसी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

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टूटी सड़कें कब होंगी सही?

दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां कि सड़कें गड्डों में तब्दील हो गई हैं, थोड़ी बारिश क्या होती है, राजधानी पानी-पानी हो जाता है, जलभराव तो बारिश के मौसम में आम समस्या है, लोग घंटों तक ट्रैफिक में बिताने को मजबूर हो जाते हैं. ड्रेनेज सिस्टम तो ऐसा है कि मौसम की मार पड़ते ही पस्त हो जाता है.

मार्केट का मेंटेनेस कैसे होगा?

दिल्ली के कई बाजार बेहाल है, दिल्ली के कई बड़े बाजार, सदर मार्केट, चांदनी चौक जैसे मार्केट अतिक्रमण की समस्या से परेशान हैं.

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