Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए HC से दो हफ्ते का समय मांगा

मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए HC से दो हफ्ते का समय मांगा

Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की जान चल गई थी.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए HC से दो हफ्ते का समय मांगा</p></div>
i

मोरबी पुल हादसा: गुजरात सरकार ने रिपोर्ट सौंपने के लिए HC से दो हफ्ते का समय मांगा

(फोटो:फाइल फोटो)

advertisement

गुजरात सरकार ने 25 सितंबर यानी सोमवार को हाईकोर्ट से मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) की जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए विशेष जांच दल (SIT) को और समय देने की अपील की. एसआईटी अक्टूबर 2022 में हुए मोरबी पुल हादसे की जांच कर रही है.

मोरबी में मच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज ढह गया था. जिससे महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की जान चली गई और 56 लोग घायल हो गए थे.

इधर, अपील पर मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध मायी की खंडपीठ ने सरकार को दो हफ्ते की मोहलत दी है. इसके अलावा, कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि आपदा के बाद पिछले साल अदालत द्वारा शुरू की गई स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में कोई और स्थगन पर विचार नहीं किया जाएगा.

अदालत ने अंतिम समय में दलीलें तैयार करने को लेकर भी सवाल उठाए, जिससे कार्यवाही में दिक्कतें आईं.

हादसे के लिए गठित कई गई थी पांच सदस्यीय SIT

गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. SIT ने दिसंबर 2022 में एक अंतरिम रिपोर्ट पेश की. अंतरिम रिपोर्ट में ओरेवा समूह द्वारा संरचना की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां बताई गईं.

इस मामले में ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल प्राथमिक आरोपी हैं और इन दिनों हिरासत में हैं.

पिछली सुनवाई के दौरान 31 अगस्त को महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को सूचित किया था कि एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर उपलब्ध होगी और बाद में पीठ के समक्ष पेश की जाएगी.

नवंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को समय-समय पर जांच और पीड़ितों या उनके परिवारों के पुनर्वास और मुआवजे सहित त्रासदी के अन्य पहलुओं की निगरानी करने का निर्देश दिया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT