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दीवारों पर काला धुआं. जमीन काली पड़ चुकी. शीशा फूटा हुआ. एसी टूटा हुआ. टेबल पर जले हुए कागज. इनक्यूबेटर पर कालिख. तार झुलसे हुए. ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं वो भोपाल के हमीदिया अस्पताल में स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की है. 8 नवंबर की रात यहां आग लग गई. चार बच्चों की मौत हुई. यहां कुल 36 बच्चे यहां भर्ती थी. ये वो बच्चे थे, जिनकी जिंदगी अभी ढंग से शुरू भी नहीं हुई थी. एक दिन से एक महीने तक की उम्र वाले इन नवजात बच्चों की हालत पहले से ही बेहद नाजुक थी.
अस्पताल में आग
(फोटो: क्विंट)
(फोटो: क्विंट)
जिस अस्पताल में जिंदगी बचाने के लिए बच्चों को रखा गया आखिर किसकी लापरवाही से इतना बड़ा हादसा हुआ. अस्पताल के ICU वॉर्ड के तीसरी मंजिल में ये सभी बच्चे भर्ती थे, रात 9 बजे के करीब दो वेंटीलेटर में शार्ट सर्किट से आग लगी और उसके बाद ब्लास्ट हुआ. सभी मासूमों को ऑक्सीजन लगा हुआ था.
इस पूरे मामले की जांच स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान की निगरानी में होगी.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
अस्पताल के दौरे के बाद मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि घटना के जिम्मेदार लोग बख्शें नहीं जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मौत के आंकड़ों पर विश्वास सारंग ने कहा किSncu वॉर्ड में वैसे भी इमरजेंसी केस के बच्चे ही एडमिट होते हैं. भगवान से प्रार्थना है कि आंकड़ा ना बढ़े. 1-1 डॉक्टर को एक -एक बच्चे के पास लगा रखा है. आज से ही इस वार्ड को फिर से शुरू किए जाए यह निर्देश दिए हैं.
बच्चों को फिलहाल अस्पताल की दूसरी मंजिल पर पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में रखा गया है. इनमें 7 बच्चे वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने आवास पर आयोजित भोज को निरस्त कर दिया है.
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