advertisement
मध्य प्रदेश की राजधानी से करीब 80 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के तट पर बसा एक जिला है होशंगाबाद. अब शिवराज सरकार ने इसका नाम बदलकर 'नर्मदापुरम' करने का फैसला किया है. शिवराज सिंह चौहान ने जनता के बीच ऐलान किया कि वो केंद्र को जिले का नाम बदलने को लेकर प्रस्ताव भेजेंगे.
हालांकि इस जिले को पहले से ही नर्मदापुरम नाम से जाना जाता था, लेकिन अब आधिकारिक नाम भी नर्मदापुरम ही हो जाएगा. आश्चर्य की बात ये है कि 2005 से लगातार 2018 तक और अब मार्च 2020 से अब 2021 तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज ने ये फैसला फरवरी 2021 में जाकर किया. वैसे हाल में शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे कई सारे फैसले किए हैं जिनकी वजह से ऐसा कहा जाने लगा है कि वो राजनीति में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के रास्ते आगे बढ़ रहे हैं.
मध्य प्रदेश शासन की वेबसाइट के मुताबिक "होशंगाबाद ने अपना नाम सुल्तान होशंग शाह घोरी से लिया था. घोरी मालवा के दूसरे राजा जिन्होंने इस पर विजय प्राप्त की. नर्मदापुर इसका तत्कालीन नाम था. होशंगाबाद जिले के प्राचीन इतिहास का कोई उचित खाता नहीं है. 1405 ई. में सुल्तान होशंगशाह घोरी के शासनकाल के दौरान ऐतिहासिक अभिलेखों में इसका नाम पहली बार सामने आया था, जिन्होंने होशंगाबाद में दो अन्य लोगों के साथ हंडिया और जोगा में एक छोटा किला बनाया था. बैतूल के पास खेरला के गोंड राजा के खिलाफ अपने अभियानों में, उन्होंने हमेशा हरदा और होशंगाबाद के माध्यम से मार्ग लिया. 1567 में मांडू के पतन के बाद, मालवा को मुगल साम्राज्य के एक उप के रूप में विलोपित किया गया था."
शिवराज सिंह चौहान के ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार जान के बाद 2020 में जब से मध्य प्रदेश सरकार की कमान संभाली है तब से वो बदले-बदले से नजर आने लगे हैं. लव जिहाद पर सख्त कानून बनानी की बात हो या पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानून लाने की बात हो, शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार आगे रही है. शिवराज सिंह चौहान व्यक्तिगत तौर पर हाल में एक से बढ़कर एक बयान देते रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)