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महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपना बेड उस व्यक्ति को देने वाले नागपुर के 85 साल के नारायण भाऊराव दाभाडकर का निधन हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारायण भाऊराव कोरोना से संक्रमित थे, लेकिन अस्पताल में एक 40 साल के कोविड संक्रमित व्यक्ति के लिए उन्होंने अपना बेड छोड़ दिया. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने किसी और के लिए बेड छोड़ने की बात को लेकर कोई पुष्टि नहीं की.
नारायण भाऊराव दाभाडकर कुछ दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. ऑक्सीजन लेवल गिरने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला अपने 40 साल के पति के लिए बेड की तलाश कर रही थी, लेकिन अस्पताल बेड की कमी होने की वजह से उसके पति को एडमिट करने से मना कर दिया. बेड नहीं मिलने से परेशान उस महिला को रोते देख नारायण भाऊराव ने अपना बेड महिला के पति को दे दिया.
नागपुर के इंद्राणी अस्पताल के डॉ. चिमुरकर ने क्विंट हिंदी को बताया कि 22 जनवरी को नारायण दभाड़कर उनके अस्पताल के कैज्युअल्टी वार्ड में दाखिल हुए. लेकिन शाम साढ़े सात बजे उन्होंने घर लौटने की मांग की. हमने उन्हें नहीं जाने के लिए काफी समझाया लेकिन वो नहीं माने. किसी और को बेड देने की बात हम कन्फर्म नही कर सकते. नाही उन्होंने ऐसा कोई कंसेंट लेटर अस्पताल को लिख के दिया था. उन्हें आईसीयू बीएड के लिए फुसरे अस्पताल जाना पड़ सकता है ये भी सूचित कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने घर लौटने का निर्णय लिया.
कोरोना संक्रमित नारायण भाऊराव दाभाडकर ने कहा कि, मैं अपना बेड दूसरे मरीज के लिए स्वेच्छा से खाली कर रहा हूं. अस्पताल से घर लौटने के 3 दिन बाद नारायण भाऊराव का निधन हो गया.
महामारी के वक्त में दिवंगत नारायण भाऊराव दाभाडकर ने मानवता की मिसाल कायम की है. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया, साथ ही उनके सेवाभाव की तारीफ की.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए दिवंगत नारायण भाऊराव दाभाडकर को श्रद्धांजिल दी.
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