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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को गौतमबुद्ध नगर के जेवर में Noida International Airport की आधारशिला रखेंगे. इसका निर्माण पूरा होने पर ये उत्तर प्रदेश का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री एक रैली को भी संबोधित करेंगे.
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद जेवर हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा.चलिए जानते है देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट' की खासियतें
नोएडा एयरपोर्ट के पहले फेज का कार्य 2024 तक पूरा होगा. इस फेज में 1334 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण कार्य होगा. 2050 तक एयरपोर्ट पूरी तरह से विकसित हो जाएगा.पूरी तरह से विकसित होने के बाद यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा
नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण में 29 हजार 650 करोड़ खर्च होने का अनुमान है.यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे. नोएडा एयरपोर्ट के बनने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का भार कम होगा.पहली फ्लाइट यहां से 2024 में उड़ेगी
नोएडा एयरपोर्ट बनने के बाद शुरूआत में 8 डोमेस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएंगीं.घरेलू उड़ानों में सबसे ज्यादा मांग मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों की है.एयरपोर्ट कम से कम साल 2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा
सालान अनुमानित यात्रियों की बात करें,तो पहले साल में 40 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान है. साल 2025-26 में यह संख्या बढ़कर 70 लाख तक हो सकती है. वहीं, साल 2044 तक यात्रियों की संख्या 8 करोड़ होने का अनुमान है.
पहले फेज में 2 यात्री टर्मिनल और 2 रनवे होंगे.इसके बाद 5 रनवे और बनेंगे. ट्रैफिक बढ़ने पर बढ़ाई जा सकती है रनवे की संख्या.एयरपोर्ट की क्षमता फिलहाल सालाना 9 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसके साल-2050 तक 20 करोड़ होने का अनुमान है.
नोएडा एयरपोर्ट के बनने के बाद सबसे ज्यादा वेस्ट यूपी के 30 शहरों को सबसे ज्यादा सुविधा देगा.नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इसके अलावा दिल्ली,उत्तराखंड,हरियाणा और राजस्थान के राज्यों के यात्रियों का फायदा होगा.
एयरपोर्ट में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जाएगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी. इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जायेगा. नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिये जोड़ा जाएगा.आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और हाईवे, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जाएंगे. एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा.
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