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हरियाणा के पानीपत जिले के चर्चित हेड कांस्टेबल आशीष कुमार उर्फ 'सिंघम' के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. एसपी शशांक कुमार सावन ने आशीष को तत्काल प्रभाव से नौकरी से मुक्त कर दिया है. आशीष के बर्खास्तगी आदेश में मुख्य रूप से तीन बड़ी बातें लिखी गई हैं.
निरंतर अनुशासनहीनता में रहना
वर्दी पहनकर अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना और प्रशासन को ही चुनौती देना
प्रशासन के लिए हमेशा कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पैदा करते हैं. यानी जिन्हें कानून व्यवस्था बनाना चाहिए, वही बिगाड़ते हैं.
पिछले दिनों हेड कांस्टेबल आशीष ने शहर के TDI पुल के पास कुछ पुलिसकर्मियों और निजी वाहन चालकों का वीडियो बनाया था. जिसमें, आशीष कुमार ने घूसखोरी का आरोप लगाया था. इसी बात को लेकर वहां तैनात ASI और आशीष के बीच सड़क पर हाथापाई हो गई, जिसका वीडियो भी आशीष ने वायरल कर दिया था. आशीष ने वीडियो में ASI पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
आशीष ने केस दर्ज होने की बात पता चलने के बाद खुद गिरफ्तारी की बात कही थी. लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय भी आशीष ने एक वीडियो बनाया और आरोप लगाया कि उन्हें आधे कपड़ो में ही पुलिस उठा ले गई, उन्हें शर्ट पहनने तक का समय नहीं दिया. कोर्ट ने सभी पहलुओं को सुनने के बाद आशीष को जेल भेज दिया. अगले दिन उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई. 7 दिन बाद जब दोबारा याचिका दाखिल की गई तो उसे मंजूर कर लिया गया. फिलहाल आशीष जेल से बाहर है. अब सिंघम को सेवा मुक्त करने से बड़ा विवाद शुरू हो गया है. जेल से निकलने के बाद आशीष ने फिर से वही तेवर दिखाए थे. जेल के दरवाजे पर कहा था था कि एक आईपीएस के कारण उन्हें जेल हुई है.
इससे पहले भी आशीष कुमार ने महकमे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्हें पहले सस्पेंड किया गया था लेकिन कथित तौर पर राज्य के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर बहाल किया गया था.
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