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चारा घोटाले के चौथे मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी करार दिया. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया. न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया. यह फैसला पहले 15 मार्च को सुनाया जाना था, जिसे चार बार पहले भी आगे बढ़ा दिया गया था.
लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक, "सीबीआई अदालत सजा की घोषणा इस हफ्ते बाद में करेगी." चारा घोटाला में पहली बार 1996 में मामला दर्ज किया गया था. उस समय मामले में 49 आरोपी थे. मुकदमे के दौरान 14 की मौत हो गई. अदालत ने सोमवार को 31 आरोपियों में से 19 को दोषी करार दिया और 12 को बरी कर दिया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे किसी भी गठबंधन के साथ रहें लेकिन वे भ्रष्टाचार और समाज को तोड़ने व विभाजित करने वाली नीति से समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कई मामलों को लेकर बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में विपक्षियों पर निशाना साधा.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को हम लोगों ने एक दिन के लिए भी नहीं छोड़ा है. उन्होंने इस मांग को 10 साल पुरानी मांग बताते हुए आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा-
नीतीश ने साफ कहा, "मैं वोट की नहीं लोगों की चिंता करता हूं. मैं शुरू से ही सामाजिक सद्भाव का पक्षधर रहा हूं. मेरे 12 साल के काम इसका प्रमाण हैं." मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि हम लोगों ने 12 सालों में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जो काम किए हैं, इससे पहले यहां कभी नहीं हुए थे.
भागलपुर जिले के नाथनगर में हिंदू नववर्ष जुलूस के दौरान उपद्रव मामले में पुलिस ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री और बक्सर क्षेत्र के सांसद अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक अन्य प्राथमिकी में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और पथराव करने का आरोप लगाया गया है. इस मामले में आठ लोगों को नामजद तथा 500 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने इस एरिया में इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद कर दी हैं. इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधान परिषद की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये दायर जनहित याचिका खारिज कर दी. इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि कुमार ने चुनाव आयोग को इस तथ्य की जानकारी नहीं दी थी कि उनके खिलाफ हत्या का एक मामला लंबित है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ की बेंच ने मुख्यमंत्री के इस कथन पर विचार किया कि उन्होंने 2012 में निर्वाचन आयोग को आपराधिक मामला लंबित होने के तथ्य से अवगत कराया था. पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस याचिका में कोई दम नहीं नजर आया. इसे खारिज किया जाता है.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों के लिए नये कुलपति (वीसी) और प्रो वीसी नियुक्त किये. राजभवन से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्यपाल ने गुलाबचन्द राम जायसवाल को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का कुलपति और गिरीश कुमार चौधरी को इसी विश्वविद्यालय का प्रतिकुलपति (प्रो वीसी) नियुक्त किया है.
रंजीत कुमार वर्मा को मुंगेर विश्वविद्यालय का कुलपति और कुसुम कुमारी को प्रतिकुलपति नियुक्त किया है. राजेश सिंह को पूर्णिया विश्वविद्यालय का कुलपति और प्रभात कुमार सिंह को प्रतिकुलपति नियुक्त किया है.
गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र में पारिवारिक कलह से परेशान एक मां ने अपने तीन बच्चों को जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, जिले के तिलकडुमर गांव निवासी शारदा उरांव का रविवार शाम अपने ही बच्चों को लेकर अपनी पत्नी ममता देवी से झगड़ा हुआ था. झगड़े के बाद पति जब घर से कहीं बाहर निकला, तब ममता ने अपने तीनों बच्चों तीन साल के दिग्विजय कुमार, 4 साल की शिवांगी कुमारी और पांच साल के रणविजय कुमार को जहरीला पदार्थ खिला दिया, जिसे खाने के बाद तीनों बच्चों की हालत बिगड़ने लगी.
गांव वाले तीनों बच्चों को अस्पताल ले गए, जहां रास्ते में ही एक बच्चे की मौत हो गई जबकि इलाज के दौरान दो बच्चों ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद आरोपी मां ने भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उसे देख लिया और पकड़कर बाद में पुलिस के हवाले कर दिया.
(इनपुटः IANS और PTI)
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