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लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में कोर्ट का फैसला आया है. 20 आरोपियों में से ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोग दोषी करार दिए गए हैं, जबकि एक आरोपी को मामले में बरी किया गया है. कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है.
इससे पहले तीन बार कोर्ट के फैसले की तारीख टल चुकी थी. ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को 7 फरवरी 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने यहां सोमवार को कहा कि कांग्रेस नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर सियासत कर रही है. उन्होंने कहा कि 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' की शुरुआत 16 राज्यों में की जा चुकी है और पूरे देश में इसे एक जून तक लागू कर दिया जाएगा.
पटना में एक सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने एनडीए को एकजुट बताते हुए कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कोई टकराव नहीं है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि समय पर मिल बैठकर इस पर फैसला ले लिया जाएगा.
उन्होंने कांग्रेस पर सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर सियासत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह कानून ठीक नहीं है तो केंद्र सरकार की लोकसभा में पूर्ण बहुमत है, लेकिन राज्यसभा से भी यानी दोनों सदनों से सीएए कैसे पारित हुआ. उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कानून से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान और नशामुक्ति अभियान के पक्ष में और बाल विवाह व दहेज प्रथा के विरोध में रविवार को बनी मानव श्रृंखला की तारीफ करते हुए कहा कि "जब पूरा समाज एकजुट होकर आगे बढ़ता है, तभी सकारात्मक परिवर्तन आता है."
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए बिहार के लोगों को बधाई देते हुए लिखा, "जब पूरा समाज एकजुट होकर आगे बढ़ता है, तभी सकारात्मक परिवर्तन आता है. जन जागरण के इस अभियान के लिए मैं बिहार की जनता और राज्य सरकार को बधाई देता हूं."
बिहार में रविवार को 16000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे.
वर्ष 1934 में आए भूकंप की वजह से कोसी नदी पर बना रेलपुल क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद यह रेलमार्ग बंद था. 86 साल बाद अब कोसी नदी पर रेलवे का पुल बनकर तैयार हो गया है, जिसके ऊपर अब जल्द ही ट्रेनें दौड़ेंगी. कोसी नदी पर बने रेलपुल से ट्रेनों का परिचालन शुरू होने का सबसे ज्यादा लाभ दरभंगा, मधुबनी, सुपौल और सहरसा जिले में रहने वालों को होगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे दरभंगा से सहरसा की दूरी काफी कम हो जाएगी.
पहले दरभंगा से सहरसा वाया मानसी, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर होकर ट्रेन चलती थी. इस रूट में सहरसा से दरभंगा के बीच की दूरी 176 किलोमीटर है. नए रेलखंड का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सहरसा से दरभंगा की दूरी घटकर मात्र 125 किमी रह जाएगी.
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