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Qपटनाःशेल्टर होम रेप की CBI जांच की मांग,शराबबंदी कानून में नरमी

सुबह-सुबह पढ़िए बिहार की बड़ी खबरें

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सुबह-सुबह पढ़िए बिहार की बड़ी खबरें
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सुबह-सुबह पढ़िए बिहार की बड़ी खबरें
(फोटोः Altered By Quint)

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शराबबंदी कानून में नरमी, संशोधन विधेयक हुआ पारित

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में बिहार शराब बंदी संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया गया. विपक्षी सदस्य हालांकि कानून में बदलाव का विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट कर गए.

“जनहित को देखते हुए शराबबंदी का फैसला लिया गया, जिसे सभी दलों का सपोर्ट मिला है. शराबबंदी का सबसे ज्यादा लाभ दलितों, गरीबों, अनुसूचित जाति-जनजाति और हाशिए पर चले गए लोगों को हुआ है.”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार ने संशोधन के नाम पर अमीरों को 'डिस्काउंट' दे दिया है. बिहार में दो साल से शराबबंदी लागू है. विपक्ष के नेताओं का आरोप था कि शराबबंदी के नाम पर दलितों और पिछड़ों को गिरफ्तार कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. इसके बाद सरकार ने इस कानून में संशोधन के संकेत दिए थे. संशोधन के तहत इस कानून में कई कड़े प्रावधानों को कमजोर किया गया है.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सीबीआई जांच की मांग

मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में रेप के मामले की मेडिकल पुष्टि होने के बाद आरजेडी ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. यह मामला सोमवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में भी गूंजा. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग भी इस मामले में शामिल हैं. सरकार उनको बचाने का काम कर रही है. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर आरोपियों के बचाने का आरोप लगाया.

मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने राज्य के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट किया था. टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशसन को भेजी, जिसमें यौन शोषण का मामला सामनेआया. इसके बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

मुजफ्फरपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि यहां की 46 लड़कियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है. आरोप है कि यहां से छह लड़कियां गायब भी हो गई हैं. एक पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एक लड़की द्वारा यौन शोषण का विरोध किए जाने पर उसकी हत्या कर दी गई और शव को बालिका गृह परिसर में ही दफना दिया गया. हालांकि वहां खुदाई करने पर कोई शव नहीं मिला.

बिहार के फिसड्डी रहने पर नीतीश जिम्मेदार : तेजस्वी

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने देश के राज्यों की शासन व्यवस्था के मामले में बिहार के सबसे निचले पायदान पर रहने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. थिंक टैंक पब्लिक अफेयर सेंटर (पीएसी) द्वारा रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा-

“शासन व्यवस्था के मामले में बिहार सबसे निचले पायदान पर है. इसका श्रेय स्वघोषित सुशासन बाबू नीतीश कुमार को जाता है.”

थिंक टैंक पब्लिक अफेयर सेंटर (पीएसी) ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि साल 2018 के पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (पीएआई) में केरल लगातार तीसरे साल टॉप पर है, जबकि मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार निचले स्तर पर हैं, जो इन राज्यों में सर्वाधिक सामाजिक और आर्थिक असमानता का सूचक है.

(इनपुटः IANS)

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विधान पार्षद ने की राज्यपाल पर अभद्र टिप्पणी

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर प्रसाद ने बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर अभद्र टिप्पणी की है. नवल किशोर ने राज्यपाल को दायरे में रहने की धमकी दी. राज्यपाल के बीएड कॉलेजों पर सख्त टिप्पणी को लेकर नवल किशोर ने ये बयान दिया है.

बीजेपी एमएलसी के बयान पर आरजेडी ने पलटवार किया. पार्टी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. लोकतंत्र में ऐसे बयान देने वाले नेताओं की जितनी निंदा की जाए कम है.

नवल किशोर प्रसाद के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लोकतंत्र में ऐसे बयान की कल्पना नहीं की जा सकती. आपकी किसी से असहमति हो सकती है. जेडीयू इस तरह के बयान की निंदा करती है. नवल किशोर को अपने दिए बयान पर माफी मांगनी चाहिए और उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए.

(इनपुटः भास्कर)

किसानों को डीजल सब्सिडी शुरू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों के बैंक खाते में डीजल सब्सिडी के ऑनलाइन ट्रांसफर की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिए किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी.

नीतीश ने कहा कि आज नई तकनीक का चयन किया गया है जिसके तहत रजिस्टर्ड किसानों को बैंक खाते में डीजल सब्सिडी का पैसा ट्रांसफर हो जाएगा. अभी 1100 किसानों के खाते में पैसा पहुंचा है. उन्होंने कहा कि पहले किसानों को डीजल अनुदान का लाभ लेने के लिए जहां तीन महीने का समय लगता था, अब किसानों को ऑनलाइन प्रक्रिया से अधिक से अधिक 25 दिनों में डीजल अनुदान का पैसा मिल जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की संभावित स्थिति से निपटने के लिए कल एक उच्चस्तरीय बैठक की गई थी, जिसमें किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध करवाने के लिए कई निर्णय लिए गए. पिछले वर्ष डीजल अनुदान की राशि 35 रुपए प्रति लीटर थी, जिसे इस वर्ष शुरू में 40 रुपए किया गया और कल उसे बढ़ाकर 50 रुपए प्रति लीटर किया गया है.

(इनपुटः भाषा)

ये भी पढ़ें- बिहार: अब पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो जेल नहीं सिर्फ जुर्माना

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