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बिहार के सीवान में साढ़े 3 साल के एक बच्चे के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इसके साथ ही राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 535 तक पहुंच गई. राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंगलवार को राज्य के कटिहार और सीवान के 7 लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 535 तक पहुंच गई है. उन्होंने बताया कि मंगलवार को पॉजिटिव पाए गए लोगों में सीवान में साढ़े तीन साल का बच्चा तथा कटिहार के छह लोग शामिल हैं.
राज्य में अब तक 29,906 से ज्यादा नमूनों की जांच हो चुकी है, अभी तक संक्रमित 142 व्यक्ति इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं. राज्य में संक्रमित लोगों में से चार की मौत हो चुकी है.
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित 32 जिलों में सबसे अधिक 102 मामले मुंगेर जिले में सामने आए हैं, जबकि पटना में 44, बक्सर में 56, नालंदा में 36, रोहतास में 52 और सीवान में 32 मामले सामने आए हैं.
कोरोना संक्रमण के दौर की सियासत अब अदालती नोटिस तक जा पहुंची है. कांग्रेस नेता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को एक कानूनी नोटिस भेजा. उन्हें 15 दिनों के अंदर जवाब देना है. प्रेमचंद्र मिश्रा ने यह नोटिस सुशील मोदी के उस बयान पर भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि "राजद और कांग्रेस के विधायकों ने राहत कोष में एक पैसा भी नहीं दिया, बल्कि विधायक निधि से 50 लाख रुपये देने का विरोध कर अपनी संवेदनहीनता भी उजागर की है."
मिश्रा ने बताया कि कानूनी नोटिस के अलावा पुलिस में शिकायत मेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है. उन्होंने कहा, "जिस प्रकार से मोदी ने झूठा ट्वीट और बयान देकर ये कहा कि कांग्रेस के सांसदों, विधायकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक पैसा का अंशदान नहीं किया है, यह अपने आप में ओछापन और झूठ की राजनीति की पराकाष्ठा है."
बिहार के कई जिलों में मंगलवार को मौसम अचानक बदल गया. बारिश के बीच आसमानी बिजली गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई और आधा दर्जन से ज्यादा लोग झुलस गए हैं. पुलिस के मुताबिक, पटना में तीन, जहानाबाद में दो, नालंदा, जमुई, बांका और समस्तीपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई.
बिहार में मंगलवार को कोरोना संक्रमण को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. बैठक में सभी दलों के नेताओं ने फीडबैक दिए और अपने सुझाव रखे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से संबंधित विधायकों से भी सुझाव लेने की बात कही.मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक पार्टियों के विधायक दल के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सर्वदलीय बैठक की. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक के आयोजन का उद्देश्य सभी राजनीतिक पार्टियों के विधायक दल के नेताओं से 'इंटरैक्शन' करना है, ताकि उनकी राय ली जा सके, प्राप्त सुझावों और उनके अनुभव के आधार पर आगे की रणनीति बनाने में मदद मिल सके.
उन्होंने कहा कि 16 मार्च को विधानमंडल की बैठक में कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए अनिश्चितकाल के लिए बैठक स्थगित कर दी गई थी, उसके बाद 22 मार्च को पूरे राज्य में प्रखंड मुख्यालय एवं नगर निकाय स्तर तक लॉकडाउन का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार ने हमलोगों के आग्रह पर 3 मई को संशोधित गाइडलाइन जारी की, जिसके आधार पर राज्य के बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों एवं छात्र-छात्राओं को आवागमन की छूट दी गई, इसके बाद विशेष ट्रेन से उन्हें लाया जा रहा है."
कोरोना संक्रमण के दौर में अन्य प्रदेशों में फंसे मजदूरों और छात्रों का घर पहुंचने का सिलसिला जारी है. बिहार के करीब दो हजार लोगों को लेकर सोमवार को दो स्पेशल ट्रेनें दानापुर रेलवे स्टेशन पहुंची, जबकि कोटा से छात्र-छात्राओं को लेकर एक-एक स्पेशल ट्रेनें गया और बरौनी स्टेशन पहुंची.
केरल के दो विभिन्न स्थानों से करीब 2200 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों केा लेकर दानापुर पहुंची स्पेशल ट्रेनों से उतरे लोगों के घर लौटने की खुशी उनके चेहरे से झलक रही थी. दानापुर पहुंचने के बाद स्टेशन के पास बने कैंप में सभी यात्रियों का हेल्थ चेकअप किया गया. चेकअप के बाद यात्रियों को उनके संबंधित जिलों के बस से रवाना किया गया. इस दौरान दानापुर स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के अलावा रेलवे के बड़े अधिकारी भी मौजूद थे.
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