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बिहार में तम्बाकू या गुटखा खा कर थूकने पर 6 महीने की जेल की सजा हो सकती है. कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए ICMR ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटखा खाकर इधर-उधर थूकने से कोरोनावायरस फैलने का खतरा बढ़ता है.
हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक राज्य में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगभग एक तिहाई जिलों के डीएम ने अपने जिले में सभी सरकारी/गैर सरकारी कार्यालय और परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया है. डीएम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है.
तम्बाकू थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफलाइटिस, टीबी, स्वाइन फ्लू आदि के संक्रमण फैलने की आशंका रहती है. IPC की धारा 268 और 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के दौरान इस नियम का उलंघन करेगा तो उसे 6 महीने की जेल और 200 रुपये जुर्माना की सजा हो सकती है.
कोरोनावायरस से लड़ने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स की NGO बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने बिहार को बड़ी मदद दी है. इस फाउंडेशन ने बिहार को 15000 कोरोना टेस्ट किट दिए हैं.
ये पहली बार नहीं है कि, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन बिहार में लोगों की मदद के लिए आगे आय है. बिहार में आयी बाढ़ के समय भी गेट्स फाउंडेशन ने बिहार सरकार की मदद की थी. ये फाउंडेशन पूरी दुनिया में पब्लिक हेल्थ पर काम करती है
कोरोनावायरस संक्रमण के बीच बिहार सरकार ने सस्ती बिजली देने का फैसला किया हैं. राज्य के 1 करोड़ 60 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को 10 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी.
अब लोगों को 1अप्रैल से ही मीटर रेंट नहीं देना होगा, और उन्हें सस्ती दर पर बिजली मिलेगी. किसानों को 75 पैसे के बदले मात्र 65 पैसे यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी. सरकार लोगों को दी गई इस राहत पर एक साल में 5494 करोड़ खर्च करेगी. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया.
कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सहित राज्य के सभी मंत्रियों और विधायकों के वेतन की राशि में अगले एक साल तक 15 प्रतिशत कटौती की गई है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री, राज्य के मंत्रियों और विधानमंडल के सदस्यों के वेतन का 15 प्रतिशत अगले एक साल तक काटने और उस राशि को 'कोरोना रिलीफ फंड' में देने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई. बिहार सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री का वेतन 40 हजार रुपये प्रतिमाह ही है, इसके कारण 15 प्रतिशत राशि कटौती करने का ही निर्णय लिया गया.
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