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बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. सोमवार की शाम तक बिहार के अलग-अलग जिलों से कोविड-19 के 50 नए मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़कर 746 हो गई है. नए मरीजों में बिहार सैन्य बल (बीएमपी) के 8 जवान भी शामिल हैं. बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि नए संक्रमित मरीजों में पटना के 11, नवादा के 6, खगड़िया, शेखपुरा के 5-5, बेगूसराय के 4, दरभंगा, मुजफ्फरपुर के 3-3, बांका, भागलपुर, गोपालगंज, मधुबनी , सुपौल के 2-2 और पूर्णिया, सहरसा और सीतामढ़ी में एक-एक मरीज शामिल हैं.
इनमें पटना स्थित बीएमपी 14 के 8 पुलिसकर्मी पॉजिटिव मिले हैं, उनकी उम्र क्रमश : 24, 26, 33, 34, 36, 39 और 45 साल बताई जा रही है. राज्य में अब तक 36 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच हो चुकी है, अभी तक संक्रमित 377 व्यक्ति इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं. राज्य में अब तक 6 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है.
कोरोना के चलते देशव्यापी बंदी की वजह से लोगों की आवाजाही पर रोक लग गई. कोरोना को रोकने की दिशा में उठाए गए इस कदम से जो जहां थे, वो वहीं रह गए. ऐसे में कई लोगों को परेशानियों का भी सामना भी करना पड़ा. बिहार से इलाज कराने आया एक परिवार दिल्ली में फंस गया. बिहार के समस्तीपुर के गनोर पासवान की बेटी आग से बुरी तरह झुलस गई थी. बेटी का इलाज कराने महाबंदी से पहले वह दिल्ली पहुंचे और यहीं फंस गए.
गनोर पासवान ने कहा, "मेरी बेटी 2018 में बुरी तरह जल गई थी और पैसे न होने की वजह से मैं इसका इलाज अच्छे से नहीं करा पाया था. इसका एक हाथ जलने की वजह से चिपक गया है और एक कान जल गया है. दिसम्बर 2019 में पहली बार दिल्ली के अस्पताल में इसका ऑपरेशन कराया था और डॉक्टर ने कहा था कि हर 3 महीने में सर्जरी होगी जिससे 4 से 5 सर्जरी के बाद ही ये ठीक हो सकेगी. करीब 1 मार्च को मेरा परिवार दिल्ली आया था. मैं, मेरी बीवी, मां, पिता और मेरी बेटी. राम मनोहर लोहिया में मेरी बेटी की सर्जरी होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से बंदी में हम यहां फंसे रह गये."
उन्होंने बताया, "करीब दो महीने हो गए, इन बीते दिनों में हमें काफी परेशानी उठानी पड़ी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बाहर से आ रहे लोगों के कारण राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, और इसे देखते हुए अधिक संख्या में जांच किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि जांच की क्षमता बढ़ाए जाने के बाद ही कोरोना चेन को तोड़ा जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने सोमवार को कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण, निगरानी, रोकथाम और लोगों को दी जा रही राहत के संबंध में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सात दिनों के अंदर अन्य राज्यों से बिहार आने वाले बिहार के इच्छुक लोगों के वापस आने की पूरी व्यवस्था की जाए, उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए रेलवे और अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने को कहा. मुख्यमंत्री ने पटना और अन्य शहरों में फंसे लोगों को वापस भेजने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा, "बाहर से आ रहे लोगों की रैंडम कोरोना जांच से काम नहीं चलेगा. बाहर से आ रहे लोगों की अधिक से अधिक संख्या में कोरोना जांच की जाए. जांच की क्षमता बढ़ाई जाए, तभी कोरोना चेन को तोड़ा जा सकेगा."
लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे प्रदेश के बाहर फंसे लोगों की घर वापसी में मदद करने की गुहार लगाई है. चिराग पासवान ने अपने पत्र में कहा कि मुसीबत की घड़ी में बिहार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि प्रदेश के बाहर फंसे बिहार के लोगों का का प्रदेश सरकार सहारा बने.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चिराग ने बताया कि दूसरे राज्यों में फंसे लोगो की स्थिति बेहद चिंताजनक है और बिना साधन के लोग पैदल घर लौटने को मजबूर हैं, इससे उनकी जांच भी नहीं हो पा रही है जो एक और बड़ा खतरा बन सकता है.
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