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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकार किया है कि साल 2018 के शुरुआती 5 महीनों की तुलना में इस साल बिहार में हत्या, लूट, डकैती, चोरी और अपहरण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
नीतीश ने कहा, ‘‘चाहे अपराध, भ्रष्टाचार या संप्रदायवाद हो इसके साथ हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करते. सामान्य दंगे की घटना में भारी कमी इस बात का संकेत है कि समाज में एक-दूसरे के प्रति सौहार्द के वातावरण में भी बढ़ोतरी हो रही है.’’
बिहार के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति भयंकर बनी हुई है. राज्य के 12 जिलों के 92 प्रखंडों के 831 पंचायतों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे करीब 47 लाख की आबादी प्रभावित है. इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं. सबसे ज्यादा 47 लोगों की मौत सीतामढ़ी जिले में हुई है जबकि अररिया में 12 और मधुबनी में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार में नेपाल से आने वाली कोसी नदी सहित कई नदियों के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है.
नियमित शिक्षकों के समान वेतनमान लागू करने सहित सात सूत्री मांगों के समर्थन में विधानसभा का घेराव करने निकले नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां चलाईं. पुलिस के मुताबिक, पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक राज्य भर के नियोजित शिक्षक गुरुवार को विधानसभा घेराव करने पटना पहुंचे थे. आरोप है कि इस बीच दोनों ओर से पत्थरबाजी हुई. वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई.
प्रदर्शनकारी शिक्षकों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और फिर लाठियां चलाई. इस दौरान दोनों ओर से कई लोग घायल हो गए.
इस आंदोलन में कुल 18 शिक्षक संघ बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले शामिल हुए थे.
बिहार में बाढ़ से मचे हाहाकार के बीच सुशील कुमार मोदी ‘सुपर 30’ फिल्म देखने चले गए. इस बात पर विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने उन पर निशाना साधा है. आरजेडी ने कहा कि बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और सुशील मोदी फिल्म देखने में मस्त हैं. आरजेडी ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया भी है.
आरजेडी ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार में भयावह बाढ़ के चलते लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और बेशर्म उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बीजेपी के सभी विधायकों, मंत्रियों के साथ पटना में फिल्म देख रहे हैं. पत्रकारों के पूछने पर नंगे विधायक, मंत्री कह रहे हैं बाढ़ आई तो क्या खाना-पीना और फिल्म देखना छोड़ दें? जनता मरे तो मरे.’’
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