advertisement
पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामला (Pune Porsche Car Accident) सामने आने के बाद कानपुर पुलिस भी एक मामले को लेकर एक्टिव हो गई है. छह महीने में कथित तौर पर दो कार हादसे में शामिल नाबालिग पुलिस की गिरफ्त से महीनों दूर रहा. हालांकि पुणे (Pune) हादसे के बाद एक्शन में आई कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने आरोपी नाबालिग को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया है.
एक नाबालिग ने गाड़ी चलाते वक्त कथित तौर पर दो बच्चों को कुचल दिया. आरोप है कि नाबालिग के पिता ने उसे दोबारा गाड़ी दिलाई और कुछ ही महीनों बाद ही गाड़ी का फिर से एक्सीडेंट हो गया. दूसरे एक्सीडेंट में चार लोग घायल हुए.
जानकारी के मुताबिक, दोनों मामलों में केस तो दर्ज हुआ लेकिन किसी को अरेस्ट नहीं किया गया. आरोपी नाबालिग के पिता एक डॉक्टर हैं. दोनों मामलों में उनके खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था.
पहला मामला अक्टूबर 2023 का बताया जा रहा है. नाबालिग कथित तौर पर अपने तीन अन्य नाबालिग दोस्तों के साथ गाड़ी चला रहा था. इस दौरान कार एक मैगी की दुकान में घुस गई थी. हादसे में सागर निषाद और आशीष रामचरण नाम के दो बच्चों की मौत हो गई थी.
किशोर के खिलाफ दर्ज FIR की कॉपी
पहली घटना के करीब 6 महीने बाद 31 मार्च 2024 को नाबालिग पर फिर आरोप लगे. इस बार उस पर 4 लोगों को कार से टक्कर मारने का आरोप लगा. इस मामले में IPC की धारा 279 और 338 के तहत मामला दर्ज किया गया, लेकिन फिर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
वहीं इस मामले में अब कानपुर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, अधिकारियों ने पुणे एक्सीडेंट केस का हवाला देते हुए कहा कि अक्टूबर वाले मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए. वहीं पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने स्टेटस रिपोर्ट तलब की है.
कानपुर मामले की जानकारी देते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया,
अक्टूबर 2023 महीने में हुई दुर्घटना में, पुलिस ने कहा कि वह नाबालिग के उस दोस्त के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिसकी कार वह चला रहा था. अखिल कुमार का कहना है कि दोनों मामलों में नाबालिग के माता-पिता की जिम्मेदारी तय करने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया जा रहा है.
19 मई की सुबह पुणे शहर में एक पोर्श कार ने बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी. हादसे में बाइक सवार अनीश और अश्विनी की मौके पर मौत हो गई थी. पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया की कार एक नाबालिग द्वारा चलाई जा रही थी जो नशे में धुत था.
पुलिस ने नाबालिग को बिना लाइसेंस के कार चलाने की इजाजत देने के आरोप में उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया. वहीं जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) ने किशोर को पहले दी जमानत रद्द करके उसे पांच जून के लिए रिमांड होम में भेज दिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)