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पुरी (Puri) के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) के आसपास खुदाई करने पर SDJM कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने पुरी जिला कलेक्टर, ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन और टाटा प्रोजेक्ट्स के खिलाफ 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्यों को लेकर मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वकील शरत राजगुरु की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिया है.
जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) के आसपास 800 करोड़ की लागत से श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना का काम चल रहा है. वकील शरत राजगुरु की याचिका पर सुनवाई करते हुए SDJM कोर्ट ने सिंघद्वार पुलिस स्टेशन को जिला कलेक्टर समर्थ वर्मा, ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और टाटा प्रोजेक्ट्स के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
मार्च महीने में सिंघद्वार पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने से मना कर दिया था. याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के अधिकारियों पर प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन और सत्यापन) अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया था.
दो दिन पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने जगन्नाथ मंदिर के आसपास स्थित पुरातात्विक अवशेषों को लेकर चिंता जाहिर की है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ओडिशा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि निर्माण कार्य से 800 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर को नुकसान हो सकता है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ओडिशा हाईकोर्ट को सौंपे अपने हलफनामे में कहा है कि राज्य सरकार की परियोजना को वैध अनुमति के बिना पूरा किया जा रहा है.
इस बीच, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंदिर के आसपास हो रही खुदाई का विरोध किया है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि “मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि ओडिशा सरकार और पिनाकी मिश्रा (पुरी से सांसद) को सद्बुद्धि दें. इस सरकार ने हमारी विरासत को नष्ट कर दिया है. ASI की रिपोर्ट हैरान करने वाली है. मैं अब और चुप नहीं रहने वाला."
वहीं, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) या राज्य सरकार की ओर से SDJM कोर्ट के आदेश पर अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
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