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उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. बुधवार को 591 नए मामलों का पता चला, जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,181 हो गई. चीन से शुरू हुई इस महामारी ने अब तक प्रदेश के 465 लोगों की जान ले चुका है. राहत की बात यह कि 9239 लोग अब संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. वहीं, ताज नगरी आगरा में कोविड-19 का प्रसार लगातार प्रशासन को गंभीर चुनौती दे रहा है. शहर में बुधवार सुबह तक 18 नए मामलें दर्ज किए गए, जबकि इससे तीन लोगों की मौत हो गई.
यहां अब 1,088 मामले आ चुके हैं, वहीं 67 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 139 है. शहर में कोविड-19 के कुल प्रभावित रोगियों में से 883 मरीज इससे उबर चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है.
लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने की घटना के विरोध में प्रदेश की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक आक्रोश देखने को मिला है. लोगों ने जगह-जगह चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने गोंडा में चीन का पुतला फूंका. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने चीनी समानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया. वाराणसी में लोग चीन की इस हरकत से गुस्से में हैं. व्यापारी जगत और काशीवासियों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है.
उत्तर प्रदेश शासन ने 1988 और 1989 बैच के आईएएस अफसरों को बुधवार को अपर मुख्य सचिव पद पर प्रमोशन दिया है. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नियुक्ति विभाग ने प्रमोशन के आदेश जारी किए. अपर मुख्य सचिव पद पर प्रोन्नत होने वाले 1988 बैच के अफसरों में आलोक कुमार-प्रथम, डॉ़ रजनीश दुबे, राजन शुक्ला, नवनीत सहगल, एमवीएस रामीरेड्डी, जूथिका पाटणकर, मनोज कुमार सिंह, टी वेंकटेश, अरविंद कुमार और एस राधा चौहान शामिल हैं.
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर तैनाती के कारण जूथिका पाटणकर का प्रोफार्मा प्रमोशन किया गया है. अभी तक प्रदेश में 16 आईएएस अफसर अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात थे. 1988 और 1989 बैच के अफसरों के प्रमोशन के बाद अब प्रदेश में कुल 36 अफसर इस पद पर तैनाती पा चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जनरल ओपीडी को भी चरणबद्घ तरीके से शुरू करने का निर्देश दिया है. इससे संबंधित शासनादेश मंगलवार को ही जारी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा, बुधवार को टीम-11 की बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए गए निर्देशों की जानकारी पत्रकारों को देते हुए अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी सावधानियों और प्रोटोकॉल के साथ ओपीडी प्रारंभ की जा सकेगी.
योगी ने मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर और बागपत आदि के लिए कार्ययोजना बनाने और वहां के सरकारी गैर सरकारी चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है.
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