advertisement
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का तेजी से फैलना जारी है. मंगलवार को 389 नए मरीजों के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 11,335 तक पहुंच गई है. संक्रमित 6669 लोग अब ठीक हो चुके हैं. वायरस अब तक प्रदेश के 301 लोगों की जान ले चुका है. सबसे ज्यादा केस आगरा में हैं, जहां आंकड़ा हजार पहुंचने वाला है.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि आगरा में 986, मेरठ में 553, गौतमबुद्धनगर में 727, लखनऊ में 480, कानपुर शहर में 555, कानपुर देहात में 39, गजियाबाद में 531, सहारनपुर में 272, फिरोजाबाद में 319, मुरादाबाद में 275, वाराणसी में 247, रामपुर में 222, जौनपुर में 301, बस्ती में 239, बाराबंकी में 186, अलीगढ़ में 220, हापुड़ में 198, बुलंदशहर में 238, सिद्धार्थनगर में 152, अयोध्या में 145, गाजीपुर में 167, अमेठी में 214, आजमगढ़ में 159, बिजनौर में 168, प्रयागराज में 132, संभल में 148, बहराइच में 106, संत कबीर नगर में 153, प्रतापगढ़ में 90, मथुरा में 107, सुल्तानपुर में 104, गोरखपुर में 145, मुजफ्फरनगर में 130, देवरिया में 137, रायबरेली में 100, लखीमपुर खीरी में 80, गोंडा में 91, अमरोहा में 74, अंबेडकर नगर में 94, बरेली में 75, इटावा में 94, हरदोई में 124, महराजगंज में 89, फतेहपुर में 69, कौशांबी में 50, कन्नौज में 105, पीलीभीत में 56, शामली में 51, बलिया में 60, जालौन में 70, सीतापुर में 44, बदायूं में 48, बलरामपुर में 47, भदोही में 76, झांसी में 63, चित्रकूट में 65, मैनपुरी में 87, मिर्जापुर में 40, फरु खाबाद में 55, उन्नाव में 59, बागपत में 104, औरैया में 51, श्रावस्ती में 47, एटा में 53, बांदा में 27, हाथरस में 45, मऊ में 62, चंदौली में 38, शाहजहांपुर में 49, कासगंज में 26, कुशीनगर में 57, महोबा में 23, सोनभद्र में 24, हमीरपुर में 15 और ललितपुर में 3 पॉजटिव मरीज पाए गए हैं.
गाजियाबाद के खोड़ा की रहने वाली एक गर्भवती महिला को 13 घंटों तक नोएडा के अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया थाय इस मामले को लेकर जिलाधिकारी (डीएम) सुहास एल.वाई. द्वारा गठित जांच समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दीय रिपोर्ट के मुताबिक, परिजन गर्भवती महिला को सबसे पहले नोएडा के सेक्टर-24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल ले गए थे. अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद गर्भवती महिला का इलाज नहीं किया गया. इसके बाद उसे ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल रेफर किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि ईएसआईसी अस्पताल के कर्मचारियों ने लापरवाही बरती.
रिपोर्ट के मुताबिक, परिजन गर्भवती महिला को जिम्स ले जाने के बजाय पहले नोएडा के सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल लेकर गए और उसे वहीं छोड़ गए.
ीएम ने आगे बताया, "रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मरीज अगर जिला अस्पताल में इलाज होने लायक नहीं है तो हायर सेंटर पर उचित व्यवस्था के साथ रेफर किया जाना चाहिए था. इसके लिए जिला अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों को हायर सेंटर से बात कर केस ट्रांसफर किया जाना चाहिए था। जिला अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों ने गंभीर लापरवाही बरती है. अस्पताल में उपस्थित कर्मचारियों, डॉक्टर इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं."
इस बात की भी शिकायत आई है कि जिला अस्पताल से लोगों को इलाज दिए बिना वापस भेज दिया जाता है और लोगों को जिला अस्पताल से सही जानकरी और उचित सलाह भी नहीं दी जाती.
उत्तर प्रदेश में जिस अनामिका शुक्ला के नाम पर एक शिक्षिका 25 स्कूलों से वेतन ले रही थी और उसने एक करोड़ से अधिक रुपये अर्जित कर लिए थे, वह असली अनामिका मंगलवार को सामने आ गई, जो कि बेरोजगार है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अब राज्य सरकार से मांग की कि वह उस महिला से माफी मांगे.
यह घोटला सामने आने के बाद अनामिका मंगलवार को गोंडा में अधिकारियों से मिलने गईं, जहां उसने कहा कि उसने कई स्थानों पर आवेदन किया, लेकिन काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकी. पुलिस ने शनिवार को एक महिला को गिरफ्तार किया था, जिसने अपने आप को अनामिका शुक्ला बताया था और शिक्षक की नौकरी हासिल की थीय आरोपी महिला कई महीनों तक 25 स्कूलों में कार्यरत रही और पिछले फरवरी तक उसने एक करोड़ रुपये अर्जित कर लिए थे.
उत्तर प्रदेश के साथ ही देश भर में कोरोनावायरस मामलों में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बीच एक बार फिर से लॉकडाउन लागू होने की अफवाह के चलते राज्य के लोग जरूरी सामानों की खरददारी करने उमड़ पड़े. सोमवार को अधिकतर दुकानें, शॉपिंग मॉल फिर से खुल गए, लेकिन बहुत कम संख्या में लोग इन जगहों पर पहुंचे, लेकिन किराने की दुकानों, बुक स्टोर, स्टेशनरी और बैंकों में सामान्य दिनों से बहुत अधिक संख्या में ग्राहकों को देखा गया.
उन्होंने कहा कि लोग अनाज के अलावा डेयरी व्हाइटनर, बेबी फूड, सेनेटरी पैड, डायपर और रेडी टू ईट फूड बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)