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राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव तय है. इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार ने अपना अंतिम बजट पेश किया. किसानों को आकर्षित करने के मकसद से इस चुनावी बजट में किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं की गई. बजट में किसी भी प्रकार के नए कर की घोषणा नहीं की गई.
बजट पर चुनाव का असर साफ देखा जा रहा है. लेकिन जिस तरह से राज्य में किसान कर्ज से जूझ रहे हैं, उसे देखकर कर्जमाफी के लिए तय राशि काफी नहीं लग रहे. राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस कर्ज माफी पर सवाल भी उठाए. कांग्रेस का कहना है कि सरकार किसानों का पूरा कर्ज माफ करे. ये कर्ज माफी किसानों के साथ धोखा है.
राज्य के वित्त मंत्रालय का भी कार्यभार संभाल रही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य में छोटे और गरीब किसानों के लिए 50 हजार रुपये के ऋण माफ करने की घोषणा की है. इससे राज्य के राजकोष पर 8,000 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा.
राजस्थान सरकार ने बजट के दौरान किसानों के लिए ऋण राहत आयोग गठित करने की घोषणा की. किसान इसमें कर्ज माफी के लिए अपील कर सकते हैं. जहां उन्हें मेरिट के आधार पर राहत दी जाएगी.
बजट में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के नाम से एक नई योजना की घोषणा की गई. इसके तहत असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार करने वाले को दो लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराया जाएगा. यह राजपूत समुदाय की काफी पुरानी मांग थी. इस घोषणा के साथ ही सरकार ने राजपूत समुदाय को भी अपनी तरफ आकर्षित करने का काम किया है.
भैरो सिह शेखावत स्वरोजगार अंत्योदय योजना के अंतर्गत 50 हजार परिवारों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा.
बजट में अन्नपूर्णा योजना के तहत सभी कलेक्ट्रेट कार्यालयों में सस्ता भोजन मुहैया कराने की घोषणा की. साथ ही सरकार ने 80 साल से ज्यादा के लोगों के लिए सफर मुफ्त कर दिया है. इसके अलावा इस बजट में आम लोगों के लिए भी कई लोकलुभावन वादे किए गए हैं.
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