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Rajasthan Budget 2023: विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट (Budget) पेश किया. इस साल का बजट थीम- 'बचत, राहत और बढ़त' है. जिसकी झलक बजट में देखने को मिली. बतौर वित्त मंत्री अशोक गहलोत ने 10वीं बार बजट पेश किया है. चलिए आपको बजट की बड़ी बातें बताते हैं.
सीएम ने प्रदेश के गरीब तबकों के लिए पांच सौ रूपए में सिलेंडर, 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली और मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में 25 लाख तक का इलाज निःशुल्क करने का एलान किया. गहलोत ने बजट में सामाजिक पेंशन की राशि में बढ़ोतरी करने का भी एलान किया. वहीं महंगाई का भार रसोई पर कम करने के लिए गरीब वर्ग को मुफ्त मसाले देने की भी घोषणा की.
सीएम गहलोत ने पिछले साल से अलग से कृषि बजट देने की परिपाटी को जारी रखते हुए 7500 करोड़ का अलग से कृषि बजट पेश किया. गहलोत ने किसानों को दो हजार यूनिट तक मुफ्त बिजली देने और 5 प्रतिशत दर पर हाऊसिंग लोन देने की घोषणा की. उन्होंने अपने बजट में किसी भी नए टैक्स को लगाने से इंकार किया.
कोविड में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरी
अब हर जिला मुख्यालय पर खुलेगा 100 बैड का यूथ हॉस्टल
राज्य में 30,000 सफाई कर्मियों की भर्ती की जाएगी
लंपी से मरी गायों का 40 हजार के हिसाब से मुआवजा
बच्चों को 2 सेट यूनिफॉर्म के मिलेंगे
जयपुर में राजीव गांधी एविएशन इंस्टीट्यूट बनेगा। इसमें पायलट समेत विभिन्न कोर्सेज में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट के लिए 13000 करोड़
500 करोड से नवीन युवा नीति की घोषणा
सभी भर्ती परीक्षाओं निःशुल्क और सिर्फ़ एक बार ही कराना होगा रजिस्ट्रेशन
1000 अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल और खोले जाएंगे
8000 आंगनवाड़ी और 3000 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र खोले जाएंगे
15 जिलों में नशा मुक्ति केंद्र बनेंगे
ठेके की जगह संविदा पर भर्ती
हर जिले में 5 सड़कों,प्रमुख सड़को के निर्माण, रिपेयर के लिए 6 हज़ार करोड़
अन्तरजातीय विवाह में सहायता राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की
सीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर 5 लाख किए जाएंगे
प्रत्येक ब्लॉक में 1-1 ड्रोन उपलब्ध होंगे
पटवारी और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को टेबलेट
बजट पेश करने के दौरान बड़ी लापरवाही देखने को मिली. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पुराना बजट भाषण पढ़ दिया. जिसके बाद बीजेपी ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्षी विधायक वेल तक पहुंच गए. विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है. भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाह दो बार स्थगित करनी पड़ी.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि, "8 मिनट तक सीएम पुराना बजट पढ़ते रहे. जब मैं सीएम थी तो बजट पेश करने से पहले बार-बार चेक करती थी और फिर पढ़ती थी. आप कल्पना कर सकते हैं कि पुराने बजट को पढ़ने वाले मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है."
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