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Rajasthan: अगस्‍त में पिछले 85 साल में सबसे कम बारिश, सितंबर में राहत मिलेगी?

राजस्थान में पिछले 117 साल में तीसरी बार अगस्त में इतनी कम बारिश दर्ज की गई है.

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<div class="paragraphs"><p>सूखे की प्रतीकात्मक फोटो</p></div>
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सूखे की प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो

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मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि राजस्थान (Rajasthan) में पिछले 85 वर्षों में पहली बार अगस्त महीने में इतनी कम बारिश हुई है. विभाग ने कहा कि अगस्त में राजस्थान में औसत से 80 फीसदी कम बारिश हुई और पिछले 117 साल में तीसरी बार अगस्त में इतनी कम बारिश दर्ज की गई है. अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में अगस्त की औसत बारिश 155.7 मिली मीटर के आसपास रहती है. हालांकि, राजस्थान में लगभग 30.9 मिमी बारिश ही हुई है.

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अल नीनो के प्रभाव से अगस्त में स्थिति और खराब हो गई और सितंबर महीने में भी मौसम की यही स्थिति रहने की आशंका है.

मौसम अधिकारियों ने कहा, “अगस्त 2023 में 30.9 मिमी बारिश हुई है जो 85 साल में सबसे कम है. राजस्थान में अगस्त में सबसे कम बारिश 15.2 मिमी है, जो 1905 में हुई थी. वर्ष 1937 में राज्‍य में अगस्त के महीने में 27.4 मिमी बारिश हुई थी. पिछले साल अगस्त में राज्‍य में 50 मिमी से अधिक बारिश हुई.”

अधिकारियों ने बताया कि अगस्त महीने में पूरे राज्य में 31 में से 10 दिन मौसम शुष्क रहा. केवल पांच दिनों की अवधि में राज्य में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी हुई.

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उन्होंने बताया कि अगस्त में राजस्थान में सबसे कम बारिश गंगानगर जिले 0.3 मिमी रिकार्ड की गई. इसी तरह, बाड़मेर में भी अगस्त में केवल 0.4 मिमी बारिश हुई. करौली में सर्वाधिक 213.7 मिमी बारिश हुई, लेकिन यह भी सामान्य से नौ फीसदी कम है.

अधिकारियों ने बताया कि अगस्त में सीकर, जालौर, चूरू, बीकानेर, बाड़मेर, गंगानगर, जैसलमेर और जोधपुर में बिल्कुल बारिश नहीं हुई.

अधिकारी ने कहा, ''बाजरे की फसल खराब होने लगी है. पश्चिमी राजस्थान के नौ जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर और चूरू में फसल को सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका है.''

फसलों के नुकसान की आशंका को देखते हुए कृषि विभाग ने क्षति का आकलन कराने की तैयारी शुरू कर दी है.

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल सितंबर में भी देश में कम बारिश होने की आशंका है. इसके पीछे प्रमुख कारण अल नीनो का प्रभाव और हिंद महासागर डायपोल (IOD) की तटस्थ स्थिति है. साथ ही बंगाल की खाड़ी में कोई बड़ा मौसमी सिस्टम नहीं बन रहा है, जिससे पूरे देश में बारिश कम हो रही है.

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