advertisement
भारतीय पुलिस सेवा के साल 1989 बैच के वरिष्ठ अधिकारी उमेश मिश्रा ने गुरुवार को राजस्थान महानिदेशक पुलिस का पदभार संभाल लिया है. IPS उमेश मिश्रा को राजस्थान सरकार ने बीते गुरुवार को आदेश जारी कर डीजीपी पद पर प्रमोशन किया था. मिश्रा लगभग चार साल से राजस्थान सरकार के खुफिया विभाग को संभाल रहे थे. अगस्त 2021 से वे डीजी इंटेलिजेंस के पद पर कार्यरत थे. इससे पहले इसी विभाग के एडीजी पद पर कार्यरत थे.
बता दें, साल 2020 में पायलट गुट की गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत के समय मिश्रा राजस्थान के खुफिया विभाग को संभाल रहे थे. इस बात की चर्चा जारों पर है कि मिश्रा के इनपुट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सतर्कता बरतते हुए कथित रूप से चलाया जा रहा ऑपरेशन लोटस फेल किया था. इसकी सूचना देने पर मिश्रा को राज्य पुलिस विभाग के मुखिया की कमान मिली थी. मिश्रा को चार आईपीएस अफसरों की वरिष्ठता को लांघ कर उन्हें यह पद दिया गया है. मिश्रा से वरिष्ठ अफसरों में 1988 बैच के पीके सिंह, बीएल सोनी, यूआर साहू, 1989 बैच के भूपेंद्र कुमार दक शामिल हैं.
गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में निवर्तमान एम एल लाठर से मिश्रा ने कार्यभार ग्रहण किया. इससे पहले पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर उन्हे आरएसी की टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पुलिस मुख्यालय में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की परिचयात्मक बैठक ली. महानिदेशक पुलिस एम एल लाठर की सेवानिवृत्ति पर बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक भव्य समारोह में परम्परागत रस्म अदा करते हुए पुलिस अधिकारियों एव जवानों ने उनकी कार को रस्सी से खींचकर भावभीनी विदाई दी.
मिश्रा को राजस्थान सरकार द्वारा नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में मिश्रा के पैतृक गांव सकरौली में भी जश्न मनाया गया. पदभार ग्रहण करने के बाद महानिर्देशक मिश्रा ने मीडिया से कहा कि कमजोर वर्ग के लोगों के प्रति अत्याचार व अपराध को रोकना हमारी विशेष प्राथमिकता हैं. संगठित-पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसने के साथ ही आर्थिक अपराधों पर हमारी नजर रहेगी. ऐसे अपराधियों को चिन्हित करके उनके विरुद्ध सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी.
मिश्रा ने कहा कि पीड़ित अगर फरियाद लेकर थाने पर जाए तो उसके साथ सद्भाव से व्यवहार के साथ ही उसकी बात सुनकर और उसके साथ घटित घटना पर तुरंत कार्रवाई आवश्यक है. पारदर्शी व निष्पक्ष पुलिस जांच हम सुनिश्चित करना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन की कार्य प्रणाली सुधर गई तो पूरे स्टेट का पुलिसिंग सुधर जाएगी. पीड़ित को यह विश्वास होना चाहिए कि उनके मामले में निष्पक्ष व त्वरित जांच हुई है.
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों के कल्याणकारी गतिविधियों पर मंथन करने, ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर क्राइम की घटनाओं पर क्षमता संवर्द्धन पर ध्यान देकर उसमें और ज्यादा सुधार लाने के संकेत दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्य के बदमाशों को चिन्हित कर पड़ौसी राज्यो से बेहतर समन्वय बनाये रखने पर भी ध्यान दिया जाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)