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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल किसी दबाव के चलते विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को कहा, ''हम चाहते हैं कि कोरोना और राजनीतिक स्थिति सहित मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जाए... हमारा मानना
है कि कुछ दबाव के कारण राज्यपाल सत्र बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं.''
राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सचिन पायलट और बाकी 'बागी' कांग्रेस विधायकों को जारी किए गए अयोग्यता नोटिस पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए.
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच ने इस मामले में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग स्वीकार कर ली. पक्षकार बनाने की याचिका इस आधार पर दायर की गई थी कि संविधान संशोधन को चुनौती दी गई है और इसलिए भारत सरकार अब एक अनिवार्य पक्ष है.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अधीन होगा. जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की जाएगी, जिसमें "लोकतंत्र से संबंधित गंभीर प्रश्न" शामिल हैं.
बता दें कि पायलट और कांग्रेस के 'बागी' विधायकों ने बीते शुक्रवार को हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी थी.
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